हालांकि उनका लिखित इस्तीफा अब तक नहीं मिला है. अगले परीक्षा नियंत्रक के संबंध में श्री मिश्र ने कहा कि एक बार श्री दास का इस्तीफा मंजूर हो जाने के बाद नये परीक्षा नियंत्रक को लेकर भी स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. विश्वविद्यालय के काउंसिल सदस्यों के साथ बैठक के बाद नये परीक्षा नियंत्रक की घोषणा कर दी जायेगी.
यहां उल्लेखनीय है कि 28 अप्रैल को गौड़बंग विश्वविद्यालय के अधीन मालदा कॉलेज में परीक्षा के दौरान काफी अव्यवस्था देखी गई थी. एक-एक बेंच पर पांच-पांच परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी. यहां तक कि साइकिल स्टैंड एवं बरामदे को भी परीक्षा कक्ष बना दिया गया था. विद्यार्थी यहां जमीन पर बैठकर परीक्षा दे रहे थे.
इस मामले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने अपनी कड़ी नाराजगी जतायी थी. वह चार मई को प्रशासनिक बैठक के लिए जब मालदा आयी थी तो उन्होंने बैठक के दौरान ही गौड़बंग विश्वविद्यालय के काम-काज को लेकर नाराजगी जतायी थी. उन्होंने कहा था कि पूरे मामले की जांच की जायेगी. मालदा में इस तरह से परीक्षा होने से सरकार की छवि खराब हुई है. विश्वविद्यालय एवं मालदा कॉलेज ने भी इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग को अलग से रिपोर्ट भेजी गई थी.
जिला अधिकारी ने भी एक रिपोर्ट राज्य सचिवालय नवान्न भेजी. इन रिपोर्टों को देखकर शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी काफी नाराज थे. उन्होंने भी कड़ी कार्रवाई की बात कही थी. इस बीच, मंगलवार रात को परीक्षा नियंत्रक सनातन दास ने इस्तीफा दे दिया. अब सवाल यह है कि श्री दास ने क्या सरकार के कड़े रूख को देखकर ही इस्तीफा दिया है. इस बारे में वाइस चांसलर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. वह शारीरिक वजहों से इस्तीफा दे रहे हैं.