इस बात की जानकारी मिलते ही सिलीगुड़ी के खेल प्रेमियों में खलबली मच गई. यहां के खेल प्रेमी किसी भी कीमत पर साई सेंटर को सिलीगुड़ी में ही रखना चाहते हैं. मामला स्थानीय सांसद तथा केन्द्रीय किसान कल्याण राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया तक भी पहुंचा. सिलीगुड़ी नगर निगम के खेल विभाग के एमआइसी शंकर घोष ने भी इसको लेकर पहल शुरू की. अब यह मामला केन्द्र सरकार के खेल मंत्री तक पहुंच गया है.
श्री अहलुवालिया को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री विजय गोयल से फोन पर बातचीत की और साई सेंटर को सिलीगुड़ी में ही बनाये रखने की अपील की. इतना ही नहीं, उन्होंने केन्द्रीय खेल मंत्री को एक चिट्ठी भी लिखी है. विजय गोयल को लिखी चिट्ठी में श्री अहलुवालिया ने कहा है कि सिलीगुड़ी उनके ही संसदीय क्षेत्र दार्जिलिंग जिले के अधीन है. यदि यहां से साई के स्पोर्टस ट्रेनिंग सेंटर को हटाया जाता है तो इस क्षेत्र के प्रतिभावान खिलाड़ी खेल-कूद के प्रशिक्षण से वंचित हो हो जायेंगे. उन्होंने सिलीगुड़ी से साई सेंटर को नहीं हटाकर जलपाईगुड़ी के लिए एक अलग से सेंटर बनाने की मांग भी खेल मंत्री विजय गोयल से की. अहलुवालिया की इस चिट्ठी का असर हुआ है.
उसके बाद साई के निदेशक मनमीत सिंह गोयंदी पूरे मामले की जांच के लिए सिलीगुड़ी पहुंचे. उन्होंने सिलीगुड़ी के कंचनजंगा स्टेडियम स्थित साई सेंटर के मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. वह यहां की अव्वस्था देखकर काफी नाराज हुए. उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कंचनजंगा स्टेडियम में खेल के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के विकास की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.
साई होस्टल की स्थिति काफी बदहाल है. इसको ठीक करने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने कंचनजंगा स्टेडियम परिसर में बार-बार विभिन्न मेलों के आयोजन को लेकर भी अपनी नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि खेल और मेला एक साथ नहीं चल सकता. विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण ले रहे बच्चे जहां रहते हैं उसके पास ही बार-बार मेले आदि का आयोजन होता है. बच्चों को इससे काफी परेशानी होती है. साई की इच्छा किसी सेंटर को बंद करने की नहीं होती. वह लोग सेंटर का विस्तार करना चाहते हैं. कंचनजंगा स्टेडियम में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने को लेकर वह राज्य सरकार से भी बातचीत करेंगे.