आंदोलन के दौरान ही गत 7 दिसंबर को अचानक विश्वविद्यालय को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया. इसके बाद आंदोलन ने व्यापक रूप ले लिया. इस शिक्षा संस्थान की जिम्मेदारी दुर्गापुर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पास है. बीते सप्ताह छात्र-छात्राओं ने दुर्गापुर जाकर आमरण अनशन शुरू किया.
इसके बाद इस समस्या की ओर केंद्रीय मानव संसाधन विभाग का ध्यान गया और जीकेसीआइइटी को दोबारा खोलने का आश्वासन दिया गया. दो महीने बंद रहने के बाद बीते मंगलवार को यह संस्थान दोबारा खुला. विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार अब्दुल रज्जाक ने बताया कि एनआइटी दुर्गापुर के निर्देश पर संस्थान को दोबारा चालू कर दिया गया है. शिक्षकों और विद्यार्थियों सभी ने आना शुरू कर दिया है. छात्र-छात्राओं ने एक नया संगठन बनाया है. आगे से संस्थान के ठीक से संचालन के लिए दोनों पक्ष संकल्पबद्ध हैं.इधर छात्र संगठन के नेताओं पुष्पजीत सरकार, आलमगीर खान, साईन जैदी ने बताया कि काफी दिनों से हम लोग सही तरीके से आंदोलन चला रहे हैं. संस्थान के एफिलिएशन, नामांकन, परीक्षाफल के नियमित प्रकाशन और पासआउट छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट देने की मांग को लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा.