वेस्ट बंगाल फॉरेस्ट सर्विस इम्प्लाइज फेडरेशन की जलपाईगुड़ी जिला कमिटी के सचिव सुखेंदु चटर्जी ने बताया कि रामशाई रेंज के एक वनकर्मी मोराघाट रेंज में तबादला हो जाने के बाद भी रामशाई रेंज का सरकारी आवास कब्जा करके रखे हुए हैं. एमपीपी रेंज डिवीजन हेडक्वार्टर से बदली होकर आये दो वनरक्षियों को बिठाकर तनख्वाह दे रहा है. जलपाईगुड़ी के तीस्ता फॉरेस्ट चेकपोस्ट पर पोस्टिंग को लेकर राजनीति की जा रही है. इसी तरह की और भी कई अनियमितताएं चल रही हैं, जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर जलपाईगुड़ी के डीएफओ विद्युत सरकार हमारा डेपुटेशन भी गत एक महीने से नहीं ले रहे हैं.
मंगलवार को फेडरेशन के सदस्यों ने मुंह पर काला कपड़ा बांधकर और सीने पर अपनी मांगों का प्लेकार्ड लटकाकर अरण्य भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया. दोपहर बाद डीएफओ के चैंबर के सामने मौन धरना दिया गया.
दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन (फॉरेस्ट विंग) की ओर से अरण्य भवन के सामने सुखेंदु चटर्जी के फेडरेशन का विरोध किया गया. डीएफओ को एक ज्ञापन भी सौंपा गया. इस संगठन के जिला अध्यक्ष प्रवीर भट्टाचार्य ने ज्ञापन में कहा है कि सुखेंदु चटर्जी का वेस्ट बंगाल फॉरेस्ट सर्विस इम्प्लाइज फेडरेशन एक छद्मवेशी संगठन है. शासक दल के नाम का इस्तेमाल करता है और सरकार के विकास कार्यों में बाधा डाल रहा है.