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तृणमूल का नगर निगम पर हल्ला बोल

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम में माकपा बोर्ड के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर से हल्लाबोल आंदोलन किया है. तृणमूल का यह आंदोलन पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी है. इसकी घोषणा पहले से ही कर दी गयी थी. आंदोलन के अंतिम दिन भारी संख्या में तृणमूल समर्थक सिलीगुड़ी नगर निगम पहुंचे और […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम में माकपा बोर्ड के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर से हल्लाबोल आंदोलन किया है. तृणमूल का यह आंदोलन पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी है. इसकी घोषणा पहले से ही कर दी गयी थी. आंदोलन के अंतिम दिन भारी संख्या में तृणमूल समर्थक सिलीगुड़ी नगर निगम पहुंचे और वहां जोरदार आंदोलन किया. इस मौके पर जिला तृणमूल अध्यक्ष सह राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा कि निगम के भविष्य का फैसला सिलीगुड़ी के लोग ही करें.

हालांकि मेयर अशोक भट्टाचार्य के इस्तीफे की मांग की मांग को लेकर लगातार आंदोलन जारी रखने का एलान भी श्री देव ने किया है. इस दौरान उन्होंने माकपा मेयर अशोक भट्टाचार्य के राज्य सरकार द्वारा सहयोग नही किये जाने के आरोपों को भी खारिज कर दिया और नगर निगम को राज्य सरकार द्वारा दी गयी सहायता की जानकारी श्वेत पत्र जारी कर लोगों को दी. उन्होंने कहा कि मेयर सिलीगुड़ी वासियों को राज्य की तृणमूल सरकार के खिलाफ बरगला रहे हैं. गौतम देव ने पिछले पांच वर्षों‍ में राज्य सरकार द्वारा सिलीगुड़ी के विकास में किये गए खर्च का पूरा ब्यौरा पेश किया है. श्वेत पत्र अनुसार तृणमूल राज्य सरकार ने पिछले पांच वर्षों में सिलीगुड़ी नगर निगम के विकास में कुल 7 सौ 11 करोड़ 15 लाख रूपये खर्च किये हैं.

यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 के अप्रैल में सिलीगुड़ी नगर निगम की सत्ता में आने के बाद विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने वाम मोरचा बोर्ड के खिलाफ आंदोलन का रूख अपना लिया है. 7 दिसंबर को जिला तृणमूल अध्यक्ष व मंत्री गौतम देव ने मेयर के इस्तीफे की मांग पर पूरे एक महीने तक आक्रामक आंदोलन की घोषणा की थी. इस क्रम में निगम के पांचो बोरो कमेटी कार्यालय का घेराव व शहर के प्रत्येक नुक्कड़ पर विरोध सभा किया गया. मंगलवार को निगम का घेराव और श्वेत पत्र जारी करने के साथ ही एक माह के आंदोलन का समापन हुआ. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार सुबह ग्यारह बजे से ही तृणमूल समर्थक निगम कार्यालय के सामने इकट्ठा होने लगे. समय गुजरने के साथ विभिन्न वार्ड से तृणमूल समर्थक रैली के साथ निगम घेराव आंदोलन में शामिल होने लगे. वाइचुंग भुटिया,निगम में विरोधी दलनेता रंजन सरकार, कृष्ण चंद्र पाल, नांटू पाल, दुल्ला दत्त, मानिक दे, प्रदीप गोयल भी मंच पर उपस्थित थे. घेराव आंदोलन शुरू कर प्रत्येक तृणमूल वार्ड पार्षद सहित तृणमूल वार्ड कमिटी के प्रतिनिधियों ने अपना वक्तब्य रखा. इतने में जिला तृणमूल अध्यक्ष व मंत्री गौतम देव मंच पर उपस्थित हुए और पिछले पांच वर्षों में सिलीगुड़ी के विकास में राज्य सरकार द्वारा किये गये खर्च का पूरा ब्यौरा पेश किया. श्वेत पत्र जारी करते हुए श्री देव ने बताया कि उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय(एनबीडीडी) के माध्यम से कुल 240 करोड़ 58 लाख रूपये का विकास कार्य सिलीगुड़ी में किया गया है. एसजेडीए के द्वारा 92 करोड़ 74 लाख रूपये का कार्य कराया गया है जिसमें डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक फंड का तीन करोड़ रूपया भी शामिल है. श्री देव ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में एनबीडीडी और एसजेडीए के मार्फत राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी के विकास के लिये कुल 333 करोड़ 32 लाख रूपये आवंटित किये हैं.

सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके के विकास में नगर निकाय मंत्रालय की ओर से भी 377 करोड़ 83 लाख रूपया आवंटित किया गया. एनबीडीडी, एसजेडीए और नगर निकाय मंत्रालय ने पिछले पांच वर्षों में सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके के विकास में कुल 711 करोड़ 15 लाख रूपया खर्च किया है. फिर भी निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य राज्य सरकार पर आर्थिक असहयोग का आरोप लगाकर लोगों को तृणमूल सरकार के खिलाफ बरगला रहे हैं. गौतम देव ने आगे बताया कि वर्ष 2009 से 11 के बीच तत्कालीन वाम मोरचा सरकार ने सिलीगुड़ी नगर निगम के लिये मात्र 128 करोड़ 22 लाख रूपया आवंटित किया था. श्री देव ने दावा करते हुए कहा कि राज्य की वर्तमान तृणमूल सरकार कोलकाता नगर नगर निगम के बाद सबसे अधिक आर्थिक सहायता सिलीगुड़ी नगर निगम को की है. उन्होंने कहा कि निगम की वामो बोर्ड विकास नहीं बल्कि सिर्फ राजनीति कर रही है. पूरे शहर में कचरों का अंबार लग रहा है, टूटे-फूटे सड़कों की मरम्मती नहीं हो रही है. जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है. डेंगू जैसी बीमारी फैली हुयी है. इन सभी बातों पर ध्यान ना देकर मेयर अशोक भट्टाचार्य राज्य सरकार पर दोषारोपण कर रहे हैं. करीब 20 महीने की यह वाम बोर्ड सिलीगुड़ी वासियों को नागरिक सेवा देने में पूरी तरह व्यर्थ साबित हुयी है.उल्टे नागरिकों पर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया है. नैतिकता के आधार पर मेयर को त्यागपत्र दे देना चाहिए. पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री देव ने कहा कि वाम बोर्ड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिये तृणमूल कांग्रेस के पास संख्या नहीं है. इसीलिय निगम की बागडोर का निर्णय सिलीगूड़ी के नागरिकों पर छोड़ दिया गया है. जनता के सामने कई प्रभावशाली शासकों को नतमस्तक होना पड़ा है. निगम की वाम बोर्ड को भी सर झुका कर जाना होगा.

नगर निगम को क्या दिया यह बतायें: मेयर

इस संबंध में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर सह विधायक अशोक भट्टाचार्य से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि मंत्री गौतम देव ने जो श्वेतपत्र जारी किया है उसमें पिछले पांच वर्षों में राज्य सरकार द्वारा आर्थिक आवंटन का उल्लेख है. वाम मोरचा ने वर्ष 2015 के अप्रैल में निगम की कमान संभाली है. मंत्री ने राज्य सरकार के उस आर्थिक आवंटन की जानकारी दी है जो तृणमूल समर्थित कांग्रेस बोर्ड और प्रशासक के समय का है. राज्य सरकार के पास सिलीगुड़ी नगर निगम का अभी भी 195 करोड़ रूपया बकाया है. एसजेडीए के पास निगम का करीब साढ़े छह करोड़ रूपया बकाया है. बकाया राशि भुगतान की कइ बार मांग की गयी पर लाभ नहीं हुआ. संबंधित मंत्री से मुलाकात का भी कोइ फायदा होता नहीं दिख रहा है. इसके अतिरिक्त जिस 14वें वित्त कमीशन के तहत 10 करोड़ 25 लाख रूपये आवंटित किये जाने का जिक्र मंत्री ने किया है वह राज्य सरकार ने नहीं बल्कि केंद्र सरकार ने दिया है. यह सभी रूपया दया का दान नहीं बल्कि सिलीगुड़ी नगर निगम का हक है,जिसे राज्य सरकार ने जबरन अटका रखा है. अशोक भट्टाचार्य ने राज्य सरकार व मंत्री गौतम देव को निगम की वर्तमान बोर्ड के समय मिले धन की जानकारी देने की चुनौती दी. श्री भट्टाचार्य ने गौतम देव पर टिप्ण्णी करते हुए कहा कि वर्तमान में तीन तरह का तृणमूल है. एक जेल में दूसरा बेल पर और तीसरे का नाम आया है.

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