इन नोटों को सरकारी खाते में जमा करने के लिए कोर्ट में केस डायरी जमा करने में देरी हो गई. इसी वजह से बाकी नोटों को जमा नहीं कराया जा सका. पुलिस का कहना है कि बाकी बचे नोटों को कोलकाता के रिजर्व बैंक कार्यालय में जमा कराने की कोशिश की जा रही है. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अमिताभ माइती ने कहा है कि करीब 80 प्रतिश पुराने रुपये जमा कर दिये गये हैं. बाकी रुपये को रिजर्व बैंक में जमा कराने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि कुछ पुराने मामलों की विस्तृत जानकारी कोर्ट को देने में देरी होने की वजह से यह समस्या हुई है. सरकार ने 31 मार्च तक बचे पैसों को रिजर्व बैंक में जमा कराने के लिए कहा है. उम्मीद है कि इस अवधि के दौरान पैसे जमा करा लिये जायेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि नोट बंद होने की घोषणा के बाद से पुराने नोटों को जमा करने में न केवल आम लोग, बल्कि पुलिस के लोग भी परेशान हुए. मालखाने में पड़े लाखों रुपये का क्या होगा, इसको लेकर पुलिस की नींद उड़ गई थी. जिले के विभिन्न थानों के मालखाने में हजार तथा पांच सौ रुपये के काफी नोट जमा पड़े हुए थे.
जिला पुलिस ने इन नोटों को जमा करने के लिए थाने को निर्देश भी दिया था. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मयनागुड़ी थाने में 2009 से लेकर अब तक 26 लाख रुपये जब्त किये गये, जिसमें हजार तथा पांच सौ के 23 लाख रुपये थे. कोतवाली थाने में भी 17 लाख रुपये पड़े हुए थे.
इसके अलावा धूपगुड़ी, माल, मटेली तथा नागराकाटा थाना के मालखाने में भी हजार तथा पांच सौ के काफी नोट जमा पड़े हुए थे. पुलिस ने इन पैसों को जुए के बोर्ड, चोरी, डकैती आदि सहित विभिन्न मामलों में जब्त किये थे. केस डायरी जमा करने के बाद कोर्ट के निर्देश पर पैसों को सरकारी खाते अथवा कोर्ट के ट्रेजरी एकाउंट में जमा कराया जाता है.
अचानक नोटबंदी की घोषणा से इन पैसों को लेकर पुलिस की परेशानी बढ़ गई थी. पुलिस सूत्रों ने बताया है कि नियम कानून के अनुसार, इन पैसों को बैंक खाते में जमा कराने में कई प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है. सभी पांच सौ तथा हजार रुपये के नोट के नंबर, किस मामले में इसकी बरामदगी हुई थी आदि पूरे तथ्य अदालत में जमा करने होते हैं. इस प्रक्रिया को पूरा करने में ही पुलिस वालों के पसीने छूट गये थे. तमाम प्रयास के बाद भी 30 तारीख के अंदर पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं हो सका. इसी वजह से करीब 20 प्रतिशत राशि जमा कराना संभव नहीं हो सका. अब आरबीआई में इन पैसों को जमा कराने की कोशिश की जायेगी. इसके लिए कोर्ट के निर्देश का इंतजार है.