सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर सह माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य और राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव के बीच विवाद समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहले सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके के विकास को लेकर तो अब बंद चाय बागान को लेकर दोनों के बीच टकराव एक बार फिर सामने आया है.
राजनीतिक विश्लेष्कों का मानना है कि सिलीगुड़ी नगर निगम और शहर पर माकपा का अधिपत्य तृणमूल के गले नहीं उतर रहा है. यही वजह है कि हर मौके पर तृणमूल नेता माकपा को घेरने की तैयारी में लग जाते हैं. मंत्री गौतम देव ने त्रिहाना चाय बागान में सीटू के आंदोलन को गलत ठहराया है. वहीं मेयर सह विधायक अशोक भट्टाचार्य ने बंद चाय बागान को लेकर राजनीति करने का आरोप मंत्री पर लगाया है.
त्रिहाना चाय बागान को लेकर मंत्री गौतम देव और अशोक भट्टाचार्य एक बार फिर आमने-सामने हैं. सोमवार को राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने बंद त्रिहाना चाय बागान का दौरा किया. सोमवार से इस बंद चाय बागान में राज्य सरकार की ओर से मुफ्त में राशन मुहैया कराने की व्यवस्था शुरू की गयी. आज के दिन चाय बागान के प्रत्येक श्रमिकों को अनाज सहित एक कंबल भी प्रदान किया गया. इसके बाद मंत्री ने तृणमूल समर्थित श्रमिक संगटन आईएनटीटीयूसी नेताओं के साथ एक बैटक की. इस बैठक में बागान श्रमिक भी उपस्थित थे. श्रमिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बागान बंद होने के पीछे माकपा समर्थित श्रमिक संगठन सीटू का भी एक बड़ा रोल है. सीटू की गैरजिम्मेदाराना हरकत की वजह से मालिक बागान बंद कर चले गये हैं. हांलाकि बागान को खोलने के लिये तृणमूल राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. त्रिहाना चाय बागान के संबंध में उन्होंने स्वयं राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक से बात की है. श्री देव ने कहा कि सीटू के लोग अब आईएनटीटीयूसी में शामिल हो रहे हैं. पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री देव ने कहा कि चाय बागान के करीब चार हजार मजदूरों की आड़ में राजनीति करना उचित नहीं है. अपनी शक्ति क्षीण होता देख माकपा विवेकहीन काम कर रही है. इसका खामियाजा बागान के स्थायी और अस्थायी कुल 3 हजार 7 सौ 14 मजदूर व उनके परिवार को भुगतना पड़ रहा है. बागान खोलने के लिये संयुक्त लेबर कमिश्नर से भी संपर्क किया गया है. मालिक पक्ष से संपर्क साधा जा रहा है लेकिन किसी भी प्रकार का सहयोग उनकी ओर से नहीं मिल रहा है. मेयर सह माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी के एक नेता अपने राजनीतिक फायदे के लिये बागान श्रमिकों को बरगला रहे हैं. तृणमूल ने आईएनटीटीयूसी में शामिल होने के लिये श्रमिकों पर कभी दवाब नहीं दिया है.
इधर, अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि बंद बागान के श्रमिकों को लेकर राजनीति करना उचित नहीं है. तृणमूल में शामिल होने के लिये श्रमिकों पर दवाब बनाया जा रहा है. इस मुद्दे को उन्होंने विधानसभा में भी उठाया और श्रममंत्री मलय घटक के साथ भी बात की. श्रममंत्री ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है. अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि पार्टी में शामिल ना होने से चाय बागान श्रमिकों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिलने का दवाब तृणमूल डाल रही है. उन्होंने यह मुद्दा विधानसभा में बीते 14 दिसंबर को भी उठाया था. इस बात को लेकर गौतम देव ने कानूनी कार्यवायी करने की बात कही है.