मालदा. राजनीति में कब किसकी किस्मत चमक जाय,कुछ कहा नहीं जा सकता. कोइ अर्श पर पहुंच जाता है तो कोइ फर्श पर. मालदा की राजनीति में कभी कृष्णेंदु चौधरी की तूती बोलती थी. वह ममता सरकार में मंत्री तक बने. उनके आगे नीहार घोष की जरा भी नहीं चलती थी. अब स्थिति बिल्कुल उलट है. […]
मालदा. राजनीति में कब किसकी किस्मत चमक जाय,कुछ कहा नहीं जा सकता. कोइ अर्श पर पहुंच जाता है तो कोइ फर्श पर. मालदा की राजनीति में कभी कृष्णेंदु चौधरी की तूती बोलती थी. वह ममता सरकार में मंत्री तक बने. उनके आगे नीहार घोष की जरा भी नहीं चलती थी. अब स्थिति बिल्कुल उलट है. कृष्णेंदु चौधरी अभी राजनीति के फर्श पर आ चुके हैं, जबकि उनको पछाड़ कर निहार घोष राजनीति के अर्श पर हैं. उन्होंने एक तरह से तृणमूल में कृष्णेंदु चौधरी का स्थान ले लिया है.
कुछलोग भले ही ज्यातिष पर विश्वास ना करें लेकिन श्री घोष को ज्योतिष खासकर अंक ज्योतिष पर पूरा भरोसा है.उनके योग में 16 अंक का काफी महत्वपूर्ण स्थान है. कहा जाता है कि ‘स्वीट सिक्सटीन’ मिलने पर लोग लोहे के चने तक चबा जाते हैं. इंगलिश बाजार के विधायक नीहार घोष के पीछे भी यही स्वीट सिक्सटीन मैजिक काम कर रहा है. वैसे तो नीहार घोष सभी धर्मो में विश्वास करते हैं. धर्म के साथ अंक ज्योतिष पर भी अटल विश्वास को तृणमूल के चहेते नीहार घोष छिपा नहीं पा रहे हैं.
नीहार घोष ने अपनी राजनीतिक यात्रा वर्ष 2005 के नगरपालिका चुनाव से शुरू की थी. उस चुनाव में उन्होंने तत्कालीन नगरपालिका चेयरमैन कृष्णेंदु चौधरी को पराजित कर 16 नंबर वार्ड के पार्षद बने थे. फिर वर्ष 2010 के नगरपालिका चुनाव में भी नीहार घोष विजयी हुए. वर्ष 2015 में महिला सीट आरक्षित होने की वजह से उन्हें 16 नंबर वार्ड छोड़ना पड़ा. उस चुनाव में उनकी पत्नी गायत्री घोष मैदान में उतरी और पार्षद निर्वाचित हुयी. वह 15 नंबर वार्ड चले गए. यहां से भी पार्षद निर्वाचित होकर उन्होंने जीत की हैट्रिक लगायी. उसके बाद उन्होंने राज्य की राजनीति में कदम रखने का निर्णय किया. बीते विधानसभा चुनाव में माकपा और कांग्रेस के समर्थन से उन्होंने इंगलिश बाजार विधानसभा क्षेत्र से पर्चा भरा. मतदान से पहले उन्होंने कहा था कि 16 उनका भाग्यशाली नंबर है. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कोई भी पराजित नहीं कर सकता. अंक ज्योतिष पर उनका विश्वास विधान सभा चुनाव में और भी गहरा हो गया. लोगों ने इन्हें इंगलिश बाजार का विधायक निर्वाचित कर दिया. इस चुनाव में भी अपने चिर विरोधी कृष्णेंदु चौधरी को हराकर विधानसभा का सफर तय किया.
मालदा जिला परिषद की स्थायी समिति पर तृणमूल का अधिपत्य कायम करने में भी निहार घोष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाइ. उन्हें साथ लेकर तृणमूल के जिलाध्यक्ष मोअज्जम हुसैन ने कहा कि पत्नी सहित नीहार घोष तृणमूल के में शामिल हुए तो वह तारीख भी 16 ही थी. वह 16 नवंबर का तृणमूल में आये थे. 16 के इस मैजिक को नीहार घोष ने भी स्वीकार किया है. श्री घोष ने कहा कि वे पहले भी 16 की शक्ति के संबंध में इलाके के नागरिकों और पत्रकारों को बता चुके हैं. इंगलिश बाजार नगरपालिका के चेयरमैन कृष्णेंदु चौधरी को हटाने की योजना बनाते समय उनके साथ तृणमूल के 8 पार्षद थे. इसके अतिरिक्त नगरपालिका के अन्य सात पार्षदों ने भी समर्थन किया. एक विरोधी पार्षद ने गुप्त रूप से संपर्क किया था. यहां भी संख्या 16 पर ही आकर खड़ी हुयी है.इसबीच,राजनीतिक हलकों में उनके मंत्री बनने की संभावना भी जतायी जा रही है.