स्वाभाविक तौर पर एक दिन में इन पूजा पंडालों पर घुम पाना संभव नहीं है. वह भी तब जब पुलिस द्वारा सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर शाम चार बजे के बाद से ही बंद करा दी गई है. आम दर्शनार्थी अगर चाहें तो पहले दिन यानि कल सप्तमी से हिलकार्ट रोड पर महानंदा ब्रिज के निकट से पूजा देखने की शुरूआत कर सकते हैं. महानंदा एथलेटिक क्लब द्वारा एयरव्यू मोड़ पर ही पूजा पंडाल बनाया गया है. यहां पूजा देखने के बाद हिलकार्ट रोड होते हुए डांगीपाड़ा में स्वास्तिका युवक संघ के पूजा पंडाल को देखा जा सकता है.
पंडाल बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन साज-सज्जा बहुत आकर्षक है. यहां की लाइटिंग भी काफी अच्छी की गई है. इस बार भी जातीय शक्ति संघ एवं पाठागार द्वारा आयोजित पूजा का काफी नाम है. आम लोगों को सिलीगुड़ी में ही कश्मीर का दर्शन हो जायेगा. श्रीगुरू विद्या मंदिर के मैदान में भव्य पंडाल बनाया गया है. इसे गुलमोहर के फूल तथा विभिन्न फलों के बीज से सजाया गया है. लोगों को कश्मीर में होने वाले बर्फपात का नजारा भी यहां देखने को मिल जायेगा. पूजा आयोजक कमेटी के सचिव हिम्मत सिंह ने बताया है कि पंडाल में प्रवेश करते ही लगेगा कि कश्मीर में आ गये हों. बादल और बर्फपात तो देखने को मिलेंगे ही, साथ ही कश्मीर जैसे ठंड का एहसास भी होगा. इसके अलावा सुब्रतो संघ द्वारा आयोजित पूजा की भी धूम मची हुई है. सुब्रतो संघ का विशाल पूजा पंडाल पूरी तरह से भगवान शिव पर आधारित है और शिव का दर्शन कराता है. शिव शक्ति को पूजा का थीम बनाया गया है. आयोजकों का कहना है कि शिव की शक्ति के साथ ही देवी दुर्गा की भक्ति को भी यहां दिखाया गया है. सबसे खास बात यह है कि पूजा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष जोर दिया गया है.
पंडाल में प्रवेश करते ही लगेगा कि किसी शिवालय में आ गये हैं. मन्नतें पूरी होने के लिए जिस तरह से आम लोग शिवालयों तथा मंदिरों में धागा बांधते हैं, उसी तरह के नजारे को यहां दर्शाया गया है. पंडाल से बाहर निकलने के बाद शिवजी के तांडव नृत्य का भी साक्षी आम लोग बन सकेंगे. जेटीएस क्लब द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया है. बगैर किसी प्लास्टिक अथवा केमिकल के उपयोग किये पूरे पंडाल को बनाया गया है. बुजुर्ग तथा दिव्यांग भी आसानी से पूजा देख सकें, इसके लिए क्लब की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है. यहां क्लब की ओर से कई वोलंटियर इस काम के लिए तैनात हैं. ह्वील चेयर की भी व्यवस्था की गई है.
सेंट्रल कालोनी द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा भी इस साल खास है. यहां बांस संरक्षण को थीम बनाया गया है. भव्य पूजा पंडाल को बांस से ही सजाया गया है. पूजा आयोजकों का कहना है कि बड़े-बड़े भवन बनने से बांस अब विलुप्त होने के कगार पर है. बांसों का उपयोग साज-सज्जा में नहीं के बराबर हो रहा है. बांस की कितनी उपयोगिता है, यही बताने के लिए बांस सहित पूरे पंडाल को सजाया गया है. सिलीगुड़ी के एक पूजा पंडाल में पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति एवं लोक कला देखने को मिल जायेगी. हैदरपाड़ा स्पोर्टिंग क्लब द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा में पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड की संस्कृति को दर्शाया गया है. यहां भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है.