सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में वाम बोर्ड के गठित होने के बाद से ही शहरवासी दोहरी राजनीति के बीच पीस रहे हैं. बंगाल में तृकां की ममता सरकार और सिलीगुड़ी में वाम बोर्ड की अशोक सरकार (भट्टाचार्य) का खामियाजा निगम क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. नागरिक परिसेवा से पूरी तरह ठप्प है […]
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में वाम बोर्ड के गठित होने के बाद से ही शहरवासी दोहरी राजनीति के बीच पीस रहे हैं. बंगाल में तृकां की ममता सरकार और सिलीगुड़ी में वाम बोर्ड की अशोक सरकार (भट्टाचार्य) का खामियाजा निगम क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. नागरिक परिसेवा से पूरी तरह ठप्प है और लोग सामाजिक सुरक्षा से भी वंचित हो रहे हैं. पहले ही सिलीगुड़ी गंदगी की ढेर पर खड़ा है और लोग डेंगू, मलेरिया जैसे जानलेवा बीमारी के शिकार हो रहे हैं. इन सब से अभी तक निगम क्षेत्र के लोगों को छुटकारा भी नहीं मिला कि अब पूरे शहर में पेयजल संकट छा गया है.
शहरवासी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर हैं. निगम क्षेत्र के प्रायः सभी वार्डों में समय पर पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही. कहीं-कहीं पेयजल के लिए लंबी कतारें लगने के बावजूद निगम के नलें पानी नहीं उगलती, तो कहीं-कहीं नलों की टूटी टूटे होने की वजह से जल यूं ही बर्बाद हो रहा है. कभी-कभी नलों से हल्की पानी निकलते ही जल के लोगों में होड़ लग जाती है और लोगों के बीच मारामारी की नौबत खड़ी हो जाती है. बीते कुछ रोज से ही निगम के अधिकांश वार्डों में पेयजल का संकट देखा जा रहा है और लोगों का जीना मुहाल हो गया है. 26 नंबर वार्ड की मिलनपल्ली निवासी कविता चौधरी का कहना है कि अगर जल आपूर्ति करने में कोई समस्या है तो निगम को अग्रिम सूचित करना चाहिए. अचानक पानी आपू्र्ति बंद कर देने से काफी समस्याएं हो रही है.
वहीं, विरोधी दलों के पार्षद-नेताओं का कहना है कि मेयर हमेशा विकास व परिसेवा के नाम पर एक ही राग अलापते हैं और ममता सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग न करने का रोना रोते हैं. जबकि निगम अपने स्तर पर ही अच्छी नागरिक परिसेवा दे सकती है. काम करने का जज्बा होना चाहिए. निगम के पेयजल आपूर्ति विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तकनीकी खराबी की वजह से दो दिनों से पेयजल आपूर्ति में समस्या उत्पन्न हुई है. कल तक समस्या दूर होने की संभावना है.
जल समस्या को लेकर पेयजल आपूर्ति विभाग के मेयर परिषद सदस्य (एमएमआइसी) शरदेन्दु चक्रवर्ती उर्फ जय दा पर लोगों ने निशाना साधा है. विभिन्न वार्ड के लोगों का कहना है कि वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. अगर वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें अपन पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.इस मामले में श्री चक्रवर्ती से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने सवाल पूरा होने से पहले ही फोन काट दिया. वहीं, मेयर अशोक भट्टाचार्य से संपर्क नहीं हो सका.
नांटू ने 24 घंटे का दिया समय, अन्यथा घेराव
निगम में विरोधी दल के तणमूल नेता नांटू पाल ने पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए 24 घंटे का समय दिया है अन्यथा वाम बोर्ड को निगम में घेरने की चेतावनी दी है. श्री पाल ने मेयर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अशोक रिमोट से संचालित वाम बोर्ड हर मोरचे पर विफल है. विकास-नागरिक सेवा के सवाल पर मेयर हमेशा राज्य सरकार द्वारा सहयोग न करने का अलाप अलापते हैं. मेयर न स्वयं सही ढंग से बोर्ड चला पा रहे है और न ही तृकां को चलाने दे रहे हैं. श्री पाल ने कहा कुरसी की माया से मेयर उबर नहीं पा रहे. नागरिक परिसेवा पूरी तहर बंद है और अब जल संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि केवल एक –दो वार्डों में ही नहीं, बल्कि सभी 47 वार्डों में पेयजल आपूर्ति दो दिनों से बंद पड़ी है. श्री पाल ने कहा कि अगर 24 घंटे में पेयजल आपूर्ति सामान्य नहीं हुई तो निगम में मेयर का घेराव करेंगे.
क्या कहना है भाजपा पार्षद का
निगम के आठ नंबर वार्ड की भाजपा पार्षद खुशबू मित्तल का कहना है कि दो दिनों से उनके वार्ड के साथ-साथ अन्य वार्डों में भी पेय जल का संकट है. लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. निगम को ऐसी समस्या के लिए पहले से ही प्रचार-प्रसार के माध्यम से आम लोगों को सूचित करना चाहिए. श्रीमती मित्तल ने कहा कि पानी की समस्या को लेकर वह खुद निगम में संबंधित विभाग के अधिकारी व इंजीनियर शुभदीप दे से संपर्क कर चुकी है. उन्होंने कल तक पेयजल आपूर्ति सामान्य होने का आश्वासन दिया है.