यह कहना है समाजसेवी व कानूनविद अमित सरकार का. वह बुधवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में शहर के बुद्धिजिवियों द्वारा आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि काफी कम उम्र में ही किशोरों के हाथों में बाइक-स्कूटी थमाने के लिए उनके अभिभावक भी जिम्मेदार हैं. इस वजह से सड़क पर मौत के अलावा शहर के आसपास के सुनसान इलाकों में युवाओं की अड्डेबाजी, बाइक-स्कूटी के जरिये मादक पदार्थों की तस्करी व अन्य अवैध धंधे भी फल-फूल रहे हैं. इन दिनों लड़कों के साथ लड़कियों में भी नशे में धुत होकर बाइक चलाने का फैशन भी काफी बढ़ा है.
श्री सरकार ने कहा कि प्रतिस्पर्द्धा के इस बाजार में भी अधिक मुनाफे के लिए वाहन कंपनियां नियम-कानूनों को ताक में रखकर बाइक-स्कूटी की अंधाधुंध बिक्री कर रही है. केवल वाहन कंपनियां नहीं, बल्कि फाइनेंस कंपनियां भी नियम-कानूनों का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं. उन्होंने पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि बेलगाम बाइकरों की धर-पकड़ करने में भी ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह नाकाम है. शहर की मुख्य सड़कों पर इन दिनों ट्रैफिक नियंत्रण की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस नहीं, बल्कि सिविक वोलिंटियर कर रहे हैं जो उचित नहीं है और न ही ये लोग पूरी तरह प्रशिक्षित हैं. श्री सरकार ने कहा कि मुख्य सड़कों पर फिर भी वाहनों की जांच-पड़ताल होती है, लेकिन गली-मुहल्लों पर कोई नजरदारी नहीं रखी जाती. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने और सड़क सुरक्षा को लेकर बच्चों, अभिभावकों को जागरुक होने के साथ-साथ पुलिस प्रशासन को भी सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है.
इसके लिए शहरवासियों को एकजुट होने की जरूरत है. इसी के मद्देनजर शहर के बुद्धिजीवियों, कानूनविदों, समाजसेवियों व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि एकजुट हुए हैं और एक गैर-राजनैतिक साझा मंच गठित किया है. 10 जुलाई को सिलीगुड़ी कंचनजंघा स्टेडियम हॉल में मंच का नागरिक सम्मेलन आयोजित किया जायेगा. इस सम्मेलन में सड़क दुर्घटना के शिकार हुए लोगों के परिजन, शहरवासियों के अलावा पुलिस- प्रशासन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे. अधिवेशन के दौरान सड़क सुरक्षा के लिए जनजागरूकता की मुहिम छेड़ने की भावी रणनीति का खाका तैयार किया जायेगा. प्रेस-वार्ता के दौरान चिकित्सक डॉ पार्थप्रतिम पान, उत्तर बंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजित राय, प्रोफेसर तापस रंजन मजूमदार, दीपक नस्कर, शिक्षिका शाश्वती विश्वास व अन्य बुद्धिजीवी मौजूद थे.