मालदा जिला परिषद के वन तथा भूमि विभाग के प्रमुख मिजानूर रहमान मियां ने बताया है कि गैर कानूनी ईंट-भट्टों को बंद करने के लिए कई बार प्रशासन पर दबाव डाला गया है, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ है. यदि किसी को ईंट-भट्टे का काम करना ही है तो पहले प्रशासन की अनुमति लेनी होगी और शहर से दूर किसी खाली जमीन पर ईंट-भट्टा लगाना होगा. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. खासकर मालदा –मानिकचक राज्य सड़क के किनारे आम बागानों के आसपास कुकुरमुत्ते की तरह ईंट-भट्टे लगे हुए हैं.
विभागीय अधिकारियों की मदद के बगैर ईंट-भट्टे को चलाना संभव नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यदि यही स्थिति आगे भी बनी रही तो आम बागानों को भारी नुकसान होगा. मालदा मेंगो मर्चेन्ट्स एसोसिएशन के सचिव उज्जवल चौधरी ने कहा है कि जिले में करीब दस लाख लोग आम के कारोबार से जुड़े हुए हैं. मालदा के आम का नाम पूरे देश में है.
ईंट-भट्टे के धुएं की वजह से मालदा आम का नाम बदनाम हो रहा है. इससे पहले भी प्रशासन से गैर कानूनी ईंट-भट्टों को बंद करने की मांग की गई थी. इसके अलावा जो ईंट-भट्टे कानूनी रूप से चल रहे हैं उसको भी आम बागानों से दूर ले जाने का अनुरोध किया गया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है. यहां उल्लेखनीय है कि मालदा मानिकचक राज्य सड़क के किनारे सैकड़ों आम बागान है. इसके अलावा हरिश्चन्द्रपुर, चांचल, रतुआ, ओल्ड मालदा इलाके में भी काफी आम बागान हैं. इन इलाकों में आम बागानों के अंदर ही ईंट-भट्टे लगा दिये गये हैं. इधर, विभागीय अधिकारी कंचन चौधरी ने कहा है कि सभी ईंट-भट्टे गैर कानूनी हैं. किसी भी प्रकार के ईंट-भट्टों को चलाने की अनुमति सरकार की ओर नहीं दी गई है. शिकायत मिलते ही इन भट्टों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.