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मास्टरमाइंड गिरफ्तार, 14 दिन की पुलिस रिमांड

कार्रवाई. मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर ठगी का मामला विभिन्न थानों में कई मामले हैं दर्ज काफी दिनों से तलाश रही थी सीआइडी एनबीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक का बेटा है आरोपी कई छात्र-छात्राओं के लाखों रुपये डकारे अबतक कुल पांच लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी सिलीगुड़ी : मेडिकल कॉलेजों में दाखिला कराने […]

कार्रवाई. मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर ठगी का मामला
विभिन्न थानों में कई मामले हैं दर्ज
काफी दिनों से तलाश रही थी सीआइडी
एनबीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक का बेटा है आरोपी
कई छात्र-छात्राओं के लाखों रुपये डकारे
अबतक कुल पांच लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
सिलीगुड़ी : मेडिकल कॉलेजों में दाखिला कराने वाले गिरोह का मुख्य सरगना सीआइडी के हत्थे चढ़ गया. सीआइडी की टीम ने आरोपी सुमंत गुप्ता को मालबाजार के कैलटेक्स मोड़ से गिरफ्तार किया है. शनिवार को उसे सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश किया गया. सीआइडी ने उसकी 14 दिनों की रिमांड मांगी है. गिरफ्तार सुनील गुप्ता के पिता सौबल गुप्ता उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक रह चुके हैं.
मेडिकल कॉलेजों में दाखिला कराने के नाम पर ठगी करने के मामले में अब तक यह पांचवीं गिरफ्तारी है. इस मामले में कुछ पुलिस अधिकारी और वकीलों के जुड़े होने के आसार भी नजर आ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के नाम पर ठगी करने का यह मामला पिछले वर्ष नवंबर महीने में सामने आया. अंडमान निकोबार द्वीप समूह में रहने वाली साजिया अहमद ने सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत नगमा खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. साजिया का आरोप है कि नगमा खान ने मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने के नाम पर उससे 56 लाख रुपये वसूले थे. जिसका पूरा ब्योरा उसके पास है. साजिया ने बैंक के माध्यम से नगमा को रुपये दिये थे. साजिया की प्राथमिकी के आधार पर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की खु्फिया विभाग ने नगमा खान को पिछले वर्ष 7 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. मामले की जांच कर रही खुफिया विभाग को इस मामले में नगमा के पिता अनवर खान के भी शामिल होने के सबूत मिले. जिसके आधार पर उसकी भी गिरफ्तारी हुई.
इसके बाद पुलिस विभाग ने 23 दिसंबर को गिरोह की जड़ों को खोद निकालने के लिये इस मामले को सीआइडी को सौंप दिया. 4 जनवरी 2016 से सीआइडी इस मामले की जांच में जुट गयी. सीआइडी ने नगमा खान से लंबी पूछताछ की एवं उसके बयान के आधार पर सबूत जुटाये. इसके बाद 4 मई को कासिम अली उर्फ जनार्दन राव और अजित कुमार शर्मा उर्फ नागेश्वर प्रसाद यादव को 18 मई को गिरफ्तार किया. अजित कुमार उर्फ नागेश्वर प्रसाद स्वयं को कटिहार मेडिकल कॉलेज का प्राध्यापक बताता था.
उधर कासिम अली उर्फ जनार्दन भी स्वयं को किसी मेडिकल कॉलेज का अध्यापक बताकर विद्यार्थियों को जाल में फंसाता था. इसके बाद सीआइडी की आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने सुमंत गुप्ता को गिरफ्तार किया. शनिवार को सुमंत गुप्ता को सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश किया गया. सुमंत के पिता सौबल गुप्ता उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक रह चुके हैं. इस दौरान वे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज फॉरेन्सिक विभाग के प्रमुख थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में कई प्रशासनिक अधिकारी व वकील का नाम सामने आ रहा है.
इस मामले से जुड़े लोग स्वयं को बचाने के लिये सीआइडी की आर्थिक अपराध शाखा के जांच अधिकारी को विभिन्न तरह से परेशान कर रहे हैं. सुमंत गुप्ता के खिलाफ कोलकाता, बारासात, हरियाणा, इंदौर, सिलीगुड़ी के विभिन्न पुलिस थानों के अलावा वन विभाग में भी कई मामले दर्ज हैं. मिली जानकारी के अनुसार सुमंत ही इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है.

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