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फैसला: गृहवधू की 15 अगस्त, 2009 को हत्या की गयी थी, दोषी पति समेत छह को उम्रकैद
मालदा: गृहवधू की हत्या के एक मामले में मालदा के अतिरिक्त जिला जल (एडीजे) चतुर्थ की अदालत ने उसके पति और ससुरालवालों को उम्रकैद की सजा सुनायी है. जज सोमनाथ चक्रवर्ती ने शुक्रवार को यह सजा सुनायी. जज के फैसले के बाद गृहवधू के परिवार ने कहा, दोषियों को सजा मिलने से हम खुश हैं, […]
मालदा: गृहवधू की हत्या के एक मामले में मालदा के अतिरिक्त जिला जल (एडीजे) चतुर्थ की अदालत ने उसके पति और ससुरालवालों को उम्रकैद की सजा सुनायी है. जज सोमनाथ चक्रवर्ती ने शुक्रवार को यह सजा सुनायी. जज के फैसले के बाद गृहवधू के परिवार ने कहा, दोषियों को सजा मिलने से हम खुश हैं, लेकिन अगर उन्हें फांसी दी जाती तो बेहतर होता.
इधर सरकारी पक्ष के वकील इकबाल आलम आफजा ने बताया कि मृत गृहवधू का नाम निर्मला राय (24) था. उसकी हत्या के आरोप में धारा 302 और 498 (ए) के तहत पति स्वामीनाथ राय, ससुर योगेश्वर राय, सास कलावती राय, दो देवरों वैद्यनाथ राय व जगत राय और वैद्यनाथ की पत्नी सविता राय के खिलाफ मामला चल रहा था. अदालत ने आज अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी.
अदालत और पुलिस के सूत्रों से जानकारी मिली है कि गृहवधू निर्मला राय का मायका बिहार के कटिहार जिले के बलरामपुर थाना के मेहदीपुर इलाके में है. सन 2001 में उसका विवाह हरिश्चंद्रपुर थाने की बोराई ग्राम पंचायत के डांगीग्राम के वाशिंदा स्वामीनाथ राय से हुआ था. उनका पांच साल का एक बेटा भी है. पेशे से दिहाड़ी मजदूर स्वामीनाथ शादी के बाद से ही अपनी पत्नी निर्मला को तरह-तरह से प्रताड़ित करता था. 15 अगस्त, 2009 को स्वामीनाथ ने अपने घरवालों की मदद से अपनी पत्नी का दम घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी. उसी दिन मृतका के बड़े भाई मेघनाथ सिंह ने हरिश्चंद्रपुर थाने में अपनी पत्नी की हत्या की शिकायत दर्ज करायी थी. इसमें उन्होंने दामाद सहित छह ससुरालवालों को आरोपी बनाया था. बाद में पुलिस ने सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था. तकरीबन तीन साल तक मामला चलने के बाद 29 दिसंबर, 2012 को मालदा अदालत ने सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनायी. आरोपी इसके खिलाफ हाइकोर्ट गये और मामले को गलत बताया.
सरकारी पक्ष के वकील ने बताया कि हाईकोर्ट ने नये सिरे से गवाही करवाकर मामला चलाने का आदेश दिया. ऊपरी अदालत के आदेश के आलोक में एडीजे चतुर्थ की अदालत में गवाही शुरू हुई. 10 लोगों की नये सिरे गवाही हुई. इन सबके बाद एडीजी चतुर्थ ने आज सभी छह लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी.
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