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स्कूल बस में बच्चों की जान के साथ खिलवाड़

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी शहर व आस-पास कई निजी व सरकार अनुमोदित विद्यालय हैं. इन विद्यालयों के करीब 500 बसें रोजाना सड़को पर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर दौड़ती हैं. बच्चों के माता-पिता सुरक्षा व समय पर विद्यालय आने-जाने के लिये इन स्कूल बसों का उपयोग करते हैं. अब सवाल यह है कि क्या बच्चे इन स्कूल बसों […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी शहर व आस-पास कई निजी व सरकार अनुमोदित विद्यालय हैं. इन विद्यालयों के करीब 500 बसें रोजाना सड़को पर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर दौड़ती हैं. बच्चों के माता-पिता सुरक्षा व समय पर विद्यालय आने-जाने के लिये इन स्कूल बसों का उपयोग करते हैं. अब सवाल यह है कि क्या बच्चे इन स्कूल बसों में सुरक्षित है.

सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित एक स्कूल का बस एक हादसे से बाल-बाल बच गया. घटना के वख्त बस में विद्यार्थी भी मौजूद थे. बस का चालक नशे में था़ शराब पीकर स्कूल बस चलाने के आरोप में प्रधान नगर थाने की पुलिस ने चालक को हिरासत में लिया है. विद्यालय के प्रधान शिक्षक ने चालक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.


मिली जानकारी के मुताबिक चालक शराब पीकर गाड़ी चला रहा था. बस तीन बार दुर्घटनाग्रस्त होने से बची़ अंत में 46 नंबर वार्ड के नागरिकों ने बस को रोकवाया. जानकारी मिलते ही प्रधान नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने स्कूल के प्रधान शिक्षक निर्भय कांति घोष को फोन कर घटना की जानकारी दी. प्रधानाचार्य ने तुरंत एक अन्य अन्य बस को भेजा और विद्यार्थियों को सुरक्षित लाया गया. विरोध कर रहे नागरिकों का कहना है कि शराब के नशे में चालक बस चला रहा था. विद्यालय को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इधर उस चालक से पूछने पर उसके कहा कि सुबह को थोड़ी सी पी थी. सभी चालक पी कर ही चलाते हैं. पुलिस किसी को भी नहीं पकड़ती है, आज मेरा किस्मत खराब था. गाड़ी खराब होने की वजह से मैं इस तरह पकड़ा गया. पुलिस ने आरोपी चालक को हिरासत में लिया है.

इस संबध में विद्यालय के प्रधानाचार्य निर्भय कांति घोष ने बताया कि उस बस का स्थायी चालक बीमार है. इस वजह से मात्र सात दिन के लिये इस चालक को रखा गया था. इसे शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाने की हितायत भी दी गयी थी. उन्होंने कहा कि आज से पहले ऐसी घटना नहीं घटी थी.


इधर,स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़कों पर स्कूल बसों की गति देखकर लोग हैरान रह जाते हैं. इन बसों के चालक स्वयं को तीस मार खां समझते हैं. इन बसों को ट्राफिक पुलिस भी नहीं पकड़ती है. विद्यार्थियों को समय से स्कूल पहुंचने की बात सोचकर पुलिस इन बसों की चेकिंग नहीं करती है. अभिभावकों ने कहा कि ड्यूटी के वख्त चालक शराब पीता है या नहीं, इसका ध्यान रखना विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है.

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