हाथी ने घरों में रखा दाल-चावल, साग-सब्जी वगैरह सब खा लिया. श्रमिकों के मोहल्ले से निकलने के बाद हाथी ने कई सेक्शन के पेड़-पौधों और पास की जमीन पर लगी फसल को बर्बाद कर दिया.श्रमिकों ने बताया कि हाथी शिबचू जंगल से आया था. खाने की तलाश में उसने घरों को तोड़ दिया.
हाथी के आतंक से श्रमिक मोहल्ला छोड़कर भाग गये. रातभर तांडव करने के बाद भोर में हाथी वापस शिबचू जंगल लौट गया. वन विभाग के नागराकाटा बीट के कर्मी बुधवार की सुबह घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने मजदूरों को मुआवजे का आश्वासन दिया. वन अधिकारियों ने बताया कि रात में जब हाथी हिला चाय बागान में आया तब किसी ने वन विभाग को खबर नहीं दी. बुधवार की सुबह खबर पाकर हम लोग घटनास्थल पर पहुंचे. गौरतलब है कि बीते सात दिनों में डुवार्स में रात के अंधकार में लोकल हाथी द्वारा उत्पात की कई घटनाएं घट चुकी हैं. पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इसका कारण जंगल में खाद्य सामग्री का अभाव है. खाने की खोज में जंगली जानवर इंसानी बस्तियों की ओर आ रहे हैं और उनमें टकराव हो रहा है.