सिलीगुड़ी: विवेकानंद ने कहा था कि गीता पढ़ने से बेहतर है, मैं फुटबॉल खेलूं. स्वामी जी तीन दर्जन से अधिक रोगों से ग्रस्त थे. छोटी सी उम्र में उन्होंने जो दिया, वह भारतीय इतिहास के लिए कभी न खत्म होने वाला खजाना है.
जिसका कभी क्षय नहीं हो सकता. कोई उसपर आक्रमण नहीं कर सकता है. ज्ञान के साथ हमारा स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है. यह कहना है हिमालयन इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य मनोज कुमार अग्निहोत्री का. गौरतलब है कि हिमालयन इंटरनेशनल स्कूल में 17 वां वार्षिक एथलेटिक मीट का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीएएफ के डीआजी एम एस चौहान उपस्थित थे. उन्होंने नीमा छिरिंग के नेतृत्व में हुये मार्च पास्ट की सलामी ली.
एथलेटीक टॉच को स्पाट कैप्टेन एडेन वाइ लोथा और सेतोन शिवकोटी ने थामा. इस एथलेटिक मीट में कंचनजंघा बेस्ट मार्च स्कावड कंचनजंघा हाउस को मिला और धौलागिरी इंटर हाउस एथलेटिक मीट की चैंपियन बनी