रानीगंज: इसीएल के कुनुस्तोड़िया एरिया अंतर्गत महावीर ओसीपी के बिजली घर के समीप ओसीपी में डूबी सात वर्षीय छात्र बबिता राय का शव 17 घंटों के पश्चात कोलकाता से आये गोताखोरों ने निकाला. कोलकाता लालबंग्ला से आये डिजास्टर मैनेजमेंट के सात सदस्यों ने मात्र 15 मिनट में ही बॉबी का शव निकाल लिया.
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17 घंटे बाद मिला बच्ची का शव
रानीगंज: इसीएल के कुनुस्तोड़िया एरिया अंतर्गत महावीर ओसीपी के बिजली घर के समीप ओसीपी में डूबी सात वर्षीय छात्र बबिता राय का शव 17 घंटों के पश्चात कोलकाता से आये गोताखोरों ने निकाला. कोलकाता लालबंग्ला से आये डिजास्टर मैनेजमेंट के सात सदस्यों ने मात्र 15 मिनट में ही बॉबी का शव निकाल लिया. मालूम हो […]
मालूम हो कि परसिया इंकलाइन के इसीएल कर्मी गणोश राय की पुत्री बबिता बड़ी बहन बेला और सहेली के साथ शुक्रवार शाम लगभग पांच बजे शौच के लिये ओसीपी इलाके में गयी थी. शौच के पश्चात पानी लेने के क्रम में उसकी बड़ी बहन बेला का पांव फिसल गया और वह पानी में जा गिरी. लेकिन बबिता ने उसे खींचकर बाहर निकाल लिया पर वह स्वयं डूब गई. उसको बाहर निकालने का प्रयास स्थानीय लोगों तथा रानीगंज के दमकल कर्मियों ने रात भर किया लेकिन सफलता नहीं मिली.
सुबह डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम सहित रानीगंज के अध्यक्ष डॉ सेनापति मंडल, पार्षद हीना खातून, अनिल सिंह, निर्मल पाल, एटक नेता गोविंद राउत आदि पहुंचे. डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम ने उसके शव को बाहर निकाला. स्थानीय एटक नेता गोविंद राउत तथा केकेएससी नेता अनिल सिंह ने घटना के लिए इसीएल को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कोयला निकालने के बाद भराई नहीं किये जाने के कारण गड्ढे में पानी भर जाता है. ये गड्ढे हमेशा मौत को दावत देते हैं. प्रबंधन को उसे शीघ्र भरने की व्यवस्था करनी चाहिए. प्रबंधक एके कर्मकार ने उक्त एरिया को घेरने तथा शीघ्र भराई किये जाने की बात कही.
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