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मुख्यमंत्री के बागान नहीं आने से चढ़ा श्रमिकों का पारा

दिवाली बाद सड़क पर उतर कर आंदोलन का एलान सिलीगुड़ी : डुवार्स के बंद पड़े चाय बागानों में चाय श्रमिकों की मौत का सिलसिला जारी है़ दुर्गा पूजा से अब तक डुवार्स के चाय बागानों में भूख की वजह से करीब छह श्रमिकों की मौत हो चुकी है़ इतना ही नहीं, चाय बागानों की स्थिति […]

दिवाली बाद सड़क पर उतर कर आंदोलन का एलान
सिलीगुड़ी : डुवार्स के बंद पड़े चाय बागानों में चाय श्रमिकों की मौत का सिलसिला जारी है़ दुर्गा पूजा से अब तक डुवार्स के चाय बागानों में भूख की वजह से करीब छह श्रमिकों की मौत हो चुकी है़
इतना ही नहीं, चाय बागानों की स्थिति इतनी खराब है कि आने वाले दिनों में इस सिलसिले के रुकने की भी कोई संभावना नहीं है़ एक ओर जहां चाय श्रमिक बेमौत मारे जा रहे है़
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार बीमारी की वजह से श्रमिकों की मौत होने की बात बता कर अपना पल्ला झाड़ रही है़ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों उत्तर बंगाल के दौरे पर है़ वह उसी डुवार्स इलाके में हैं, जहां एक-पर-एक चाय श्रमिकों की मौत हो रही है़ उसके बाद भी मुख्यमंत्री इसका जायजा लेने के लिए संबंधित चाय बागानों में नहीं गयीं. चाय श्रमिकों ने मुख्यमंत्री से प्रभावित चाय बागानों का दौरा करने की मांग की है़ हालांकि मुख्यमंत्री के नहीं आने से चाय श्रमिकों का पारा सातवें आसमान पर है़
चाय श्रमिक यूनियनों के संयुक्त संगठन यूनाइटेड फोरम ने मुख्यमंत्री के नहीं आने की स्थिति में आंदोलन की धमकी दी है़ यूनाइटेड फोरम में शामिल पश्चिम बंगाल चा बागान श्रमिक कर्मचारी यूनियन के तराई-डुवार्स शाखा के सहायक सचिव अमूल्य दास का कहना है कि मुख्यमंत्री हर एक-दो महीने में उत्तर बंगाल के दौरे पर आ रही है़ तमाम काम के लिए उन्हें फुरसत है, लेकिन चाय बागान श्रमिकों की दुख-तकलीफ जानने के लिए उनके पास समय नहीं है़ वह लोग काफी पहले से मुख्यमंत्री से चाय बागानों का दौरा करने की मांग करते रहे है़ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा हमेशा ही उनकी मांगों की उपेक्षा की गयी. वर्तमान में मुख्यमंत्री डुवार्स में ही है़ उसके बाद भी श्रमिकों की मौत हो रही है और वह चुप्पी साधे बैठी हुई है़
उन्होंने राज्य के खाद्य मंत्री ज्योति प्रिय मल्लिक की भी जमकर आलोचना की़ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि खाद्य मंत्री कोलकाता में बैठकर चाय श्रमिकों को सस्ती कीमत पर अनाज उपलब्ध कराने की बस घोषणा भर कर रहे है़ं इसको कार्यान्वित नहीं किया जा रहा है़ चाय श्रमिकों की इस दुर्दशा के लिए उन्होंने सीधे तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया़ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाय श्रमिकों की समस्या दूर करने के लिए गंभीर नहीं है़
स्थिति यह है कि चाय श्रमिकों के न्यूनतम वेतनमान के लिए गठित एडवाइजरी कमेटी की अब तक एक बार भी बैठक नहीं हुई है़ काफी आंदोलन के बाद छह महीने पहले त्रिपक्षीय बैठक के बाद इस कमेटी का गठन किया गया था़ तब से लेकर अब तक एक बार भी इस कमेटी की बैठक नहीं हुई़
उन्होंने सभी चाय श्रमिकों को बीपीएल कार्ड प्रदान करने तथा अन्य मांगों को लेकर आंदोलन की धमकी दी़ दास ने कहा कि दीपावली के बाद सभी चाय श्रमिक सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे़
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि डुवार्स के बागराकोट चाय बागान में इन दिनों लगातार चाय श्रमिकों की मौत हो रही है़ इस बागान में अब तक कुल 23 चाय श्रमिक मारे जा चुके है़ं स्थिति यह है कि दुर्गा पूजा से अब तक छह श्रमिकों की मौत हो चुकी है़ यह चाय बागान डंकन्स कंपनी की है़ डंकन्स के सभी चाय बागानों की हालत खराब है़

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