यही कारण है कि हर्क बहादुर छेत्री का गढ़ समझे जाने वाले कालिम्पोंग में ही उनको घेरने की तैयारी पार्टी ने कर ली है. गोजमुमो सूत्रों ने आगे बताया कि इस बदली राजनीतिक परिस्थिति में पार्टी की ओर से कालिम्पोंग में ही इस महीने की 30 तारीख को एक विशाल जनसभा का आयोजन किया जायेगा. माना जा रहा है कि इस जनसभा में न केवल डॉ छेत्री पर हमला बोला जायेगा, बल्कि गोरखालैंड आंदोलन की रूप-रेखा भी तय की जायेगी. इस जनसभा को गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग सहित पार्टी के तमाम आला नेता संबोधित करेंगे. इतना ही नहीं, बिमल गुरूंग स्वयं कालिम्पोंग में कैम्प करने वाले हैं. सूत्रों ने बताया कि हर्क बहादुर छेत्री के कालिम्पोंग लौटने के बाद बिमल गुरूंग भी कालिम्पोंग में ही डेरा डालेंगे. 30 तारीख को होने वाली जनसभा की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है. इस मुद्दे पर न केवल बिमल गुरूंग, बल्कि गोजमुमो के अन्य नेता भी हर्क बहादुर छेत्री पर हमलावर बने हुए हैं.
बिमल गुरूंग ने तो हर्क बहादुर छेत्री को पार्टी का गद्दार तक करार दे दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कालिम्पोंग में 30 तारीख को होने वाली गोजमुमो की जनसभा में एक बार फिर से अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग को जोर-शोर से रखा जायेगा और इस मुद्दे पर डॉ छेत्री पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए उन पर हमला बोला जायेगा. बिमल गुरूंग ने साफ-साफ कह दिया है कि गोरखालैंड आंदोलन में बाधा देने अथवा कमजोर करने वालों को वह नहीं छोड़ेंगे. उनका इशारा साफ तौर पर हर्क बहादुर छेत्री की ओर है. इस बीच, दार्जिलिंग में गोजमुमो विरोधी तमाम राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है. गोजमुमो में इस बगावत का लाभ उठाने में तमाम विरोधी दल के नेता जुटे हुए हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तृणमूल कांग्रेस की ओर से हर्क बहादुर छेत्री को अपने पाले में करने की कोशिश की जा रही है. यही कारण है कि आज पूरे दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस की ओर से आंदोलन किया जा रहा है. इस मुद्दे पर हालांकि तृणमूल का कोई भी नेता खुलकर कुछ भी नहीं कहना चाहता. हालांकि दबे स्वर में इनका कहना है कि यदि हर्क बहादुर छेत्री तृणमूल कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो उनका स्वागत है. हिल्स तृणमूल के महासचिव बिन्नी शर्मा का कहना है कि गोजमुमो में यह बगावत स्वाभाविक है. राज्य सरकार तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सत्ता में आने के बाद से दार्जिलिंग पहाड़ पर लगातार विकास का काम करना चाहती है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री स्वयं भी बार-बार पहाड़ आ रही हैं. उन्होंने गोजमुमो पर विकास कार्यों में बाधा डालने का भी आरोप लगाया. श्री शर्मा ने कहा कि सिर्फ हर्क बहादुर छेत्री ही नहीं, बल्कि आने वाले दिनों में गोजमुमो के अन्य कई नेता भी बिमल गुरूंग के खिलाफ बगावत करेंगे. इधर, मन घीसिंग की नेतृत्व वाली गोरामुमो ने हर्क बहादुर छेत्री को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है. गोरामुमो के महासचिव महेन्द्र छेत्री का कहना है कि डॉ छेत्री गोरामुमो में शामिल हों और पहाड़ पर छठी अनुसूची लागू करने को लेकर होने वाले आंदोलन में सहयोग करें.