कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के विधायक हरका बहादुर छेत्री ने आज कहा कि जीजेएम के नेतृत्व के ‘तानाशाही’ रवैये के कारण वह पार्टी छोड़ रहे हैं और वह एक स्वतंत्र विधायक के रूप में काम करेंगे. श्री छेत्री ने बताया, ‘‘मैं पार्टी छोड़ रहा हूं […]
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के विधायक हरका बहादुर छेत्री ने आज कहा कि जीजेएम के नेतृत्व के ‘तानाशाही’ रवैये के कारण वह पार्टी छोड़ रहे हैं और वह एक स्वतंत्र विधायक के रूप में काम करेंगे. श्री छेत्री ने बताया, ‘‘मैं पार्टी छोड़ रहा हूं लेकिन एक निर्दलीय विधायक के रुप में काम करता रहूंगा. नेताओं के तानाशाही रवैये के कारण मैंने अपना संबंध तोड़ने का निर्णय लिया है.
अपने आत्म सम्मान के साथ मैं वहां नहीं रह सकता.’ उन्होंने कहा कि वह अपना त्यागपत्र पार्टी के अध्यक्ष बिमल गुरुंग को एक या दो दिनों में सौंप देंगे. सत्तारुढ तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने संबंधी अटकलों के बारे मेेें पूछे जाने पर छेत्री ने कहा कि अपने कलीमपोंग विधानसभा क्षेत्र के लिए एक निर्दलीय विधायक के तौर पर वह काम करते रहेंगे. पश्चिम बंगाल विधानसभा में जीजेएम के तीन सदस्य हैं और पार्टी नेतृत्व ने दार्जिलिंग पहाड़ियों में गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के साथ राज्य सरकार के कथित असहयोग के विरोध में सदन से इस्तीफा देने की बात कही है.
श्री छेत्री ने कहा कि किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले पार्टी नेतृत्व उनके जैसे वरिष्ठ नेताओं का ध्यान नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि मोरचा नेतृत्व ने तीन विधायकों के इस्तीफा देने का निर्णय लिया,लेकिन उस बैठक में उन लोगों को नहीं बुलाया गया था. यह बहुत ही अपमान जनक है. जीटीए के वे एक्स ऑफिस सदस्य हैं, लेकिन कभी भी उनलोगों को बैठक में नहीं बुलाया गया. वह निर्दल विधायक के रूप में कालिपोंग के लोगों का काम करना चाहते हैं.
विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि अाधिकारिक रूप से उन्हें भी श्री छेत्री ने कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन जिस तरह से पूर्व मंत्री रजाज्क मोला माकपा से निष्कासित होने के बाद निर्दल विधायक के रूप में हैं, उस तरह से वह भी रह सकते हैं. वह बहुत ही जिम्मेदार सदस्य हैं. वह जानते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए.