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एमबीबीएस में नामांकन के नाम पर ठगी का जाल

कोलकाता की एजेंसी ने दो अभ्यर्थियों से हड़पे 18 लाख रुपये विपिन राय सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नामांकन कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह के सक्रिय होने का पता चला है. इस गिरोह के तमाम सरगना कोलकाता में रहते हैं और वहां मोटी रकम लेकर छात्र-छात्राओं […]

कोलकाता की एजेंसी ने दो अभ्यर्थियों से हड़पे 18 लाख रुपये
विपिन राय
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नामांकन कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह के सक्रिय होने का पता चला है. इस गिरोह के तमाम सरगना कोलकाता में रहते हैं और वहां मोटी रकम लेकर छात्र-छात्राओं को फर्जी एडमिशन लेटर देकर नामांकन के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजते हैं. इस गिरोह के सक्रिय होने का पता तब चला जब फर्जी एडमिशन लेटर लेकर नामांकन कराने के लिए यहां एक छात्र एवं एक छात्रा पहुंची.
यह लोग नामांकन हेतु प्राप्त एडमिशन लेटर को लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल समीर घोष राय के पास पहुंचे. प्रिंसिपल समीर घोष को दोनों पर शक हुआ और उन्होंने एडमिशन लेटर की गहरायी से जांच की. उसके बाद ही इस पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ है. मेडिकल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कटवा के रहने वाले इंद्रजीत धर तथा मेदिनीपुर की रहने वाली पूजा मन्ना आज एडमिशन लेटर लेकर यहां नामांकन कराने के लिए अपने अभिभावकों के साथ पहुंची थी.
दोनों के पास फर्जी एडमिशन लेटर होने के कारण तत्काल ही इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. पुलिस ने दोनों को ही पूछताछ के लिए अपने हिरासत में लिया है. इंद्रजीत धर के पिता विश्वजीत धर का कहना है कि उन्होंने या उनके बेटे ने नामांकन को लेकर किसी प्रकार की कोई हेराफेरी नहीं की है.
उन्होंने कोलकाता की एक एजेंसी के माध्यम से इस मेडिकल कॉलेज में नामांकन की कोशिश की है. इसके लिए उन्होंने एजेंसी को 14 लाख रुपये दिये हैं. कुछ इसी प्रकार का कहना पूजा मन्ना के भाई राजीव मन्ना का है. राजीव मन्ना ने कहा कि उन्होंने भी एमबीबीएस में नामांकन कराने के लिए 4 लाख रुपये कोलकाता की एक एजेंसी को दिये हैं.
इस बीच, मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी फर्जी एडमिशन लेटर लेकर यहां एमबीबीएस में नामांकन कराने आने वाले दो विद्यर्थियों के पकड़े जाने के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया है. फर्जी एडमिशन लेटर के नाम डॉक्टरी में नामांकन कराने की यह पहली घटना है. पकड़े गये इंद्रजीत धर से जो एडमिशन लेटर जब्त किये गये हैं, उसे 24/8/2015 को जारी किया गया है.
पत्रांक संख्या एमबीबीएस-2015/1550 में कहा गया है कि शिक्षा सत्र 2015-16 के लिए एमबीबीएस कोर्स हेतु सेंट्रल नोमिनी पुल कोटे से इंद्रजीत धर का चयन उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में किया गया है. पत्र में आगे कहा गया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमानुसार उनका चयन किया गया है और कोर्स की शुरूआत 10 सितंबर से होगी.
पत्र में इंद्रजीत धर को ट्यूशन फीस के रूप में 9 हजार रुपये भी जमा कराने के लिए कहा गया है. इस पत्र के मिलने के बाद इंद्रजीत धर अपने पिता विश्वजीत धर के साथ यहां नामांकन कराने के लिए पहुंचा. इंद्रजीत धर के पिता विश्वजीत धर का कहना है कि इस पत्र के फर्जी होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और न ही नामांकन को लेकर कोई संदेह था, क्योंकि वह इससे पहले इंद्रजीत धर को लेकर वह मेडिकल कॉलेज में आ चुके हैं.
उन्होंने आगे बताया कि इस मेडिकल कॉलेज के प्रसुति विभाग के वीसीटीसी में मेडिकल में नामांकन हेतु इंद्रजीत धर का इंटरव्यू भी हो चुका है. इधर, इस पूरे मामले में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के किसी कर्मचारी के मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्रसुति विभाग में फर्जी नामांकन मामले में उम्मीदवार का इंटरव्यू करना वगैर किसी कर्मचारी के मिलीभगत के संभव नहीं है.
यहां उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले भी कूचबिहार से सजय मंडल नामक एक युवक इसी प्रकार के फर्जी एडमिशन लेटर को लेकर यहां नामांकन कराने के लिए आया हुआ था. तब उसके एडमिशन लेटर पर शक होने पर उससे पूछताछ की गयी थी, लेकिन वह मौका लगते ही भाग खड़ा हुआ था.
क्या कहते हैं प्रिंसिपल
इस मामले पर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल समीर घोष राय ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में अस्पताल के किसी कर्मचारी की मिलीभगत हुई, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. दूसरी तरफ पुलिस भी इस मामले की अपने स्तर पर जांच कर रही है.

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