मेडिकल कॉलेज के सह अध्यक्ष ने मरीज के परिवार को मामले की जांच का आश्वासन दिया है. घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मरीज का नाम नमिता दास (44) है. वह ओल्ड मालदा थानांतर्गत मंगलबाड़ी इलाके के देवीपुर कॉलोनी की रहनेवाली है. नमिता दास को पिछले कुछ दिनों से पेट में दर्द हो रहा था. तीन महीने पहले उसने मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक महिला रोग विशेषज्ञ कल्याण मिश्र को दिखाया था. चिकित्सक ने जांच के बाद कहा था कि वह गर्भवती है. उसने चिकित्सक को बताया था कि 24 साल पहले उनका ऑपरेशन हुआ था. वह गर्भवती कैसे हो सकती है. इसके बाद चिकित्सक ने उसे ब्लड जांच व अन्य जांच कराने का निर्देष दिया. रिपोर्ट में पाया गया कि उसके गर्भाशय में ट्यूमर है. ऑपरेशन करना होगा.
चिकित्सक ने उसे मालदा मेडिकल कॉलेज में भरती होने का सुझाव दिया. चिकित्सक के सुझाव के तहत वह सोमवार को मालदा मेडिकल कॉलेज में भरती हो गयी. उसे मालदा मेडिकल कॉलेज के प्रसूति विभाग में भरती कराया गया. अस्पताल मंे भरती हुए उसे तीन दिन हो गये, लेकिन उसका किसी चिकित्सक ने कोई जांच नहीं किया. बुधवार उसके परिजनों को बताया गया था मरजी के ऑपरेशन के लिए दो बोतल खून की आवश्यकता है. नमिता का भतीजा इंद्रजीत ने एक बोतल खून दिया. ऑपरेशन के लिए उसे पोशाक पहना कर ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया.
कुछ इंजेक्शन भी उसके शरीर में लगाया गया. ऑपरेशन थियेटर में चिकित्सक एसके वर्मन थे. उन्हांेने मरीज की जांच कर बताया कि मरीज को कुछ नहीं हुआ है. ऑपरेशन करने की कोई जरूरत नहीं है. बाद में नमिता का ऑपरेशन रोक दिया गया. इस घटना के बाद ही नमिता के परिवारवाले चिकित्सक कल्याण मिश्र से नाराज हो गये और वे लोग मेडिकल के सह अध्यक्ष के पास जाकर बहस करने लगे. खबर मिलते ही पुलिस पहुंची और बाद में मामले की जांच के आश्वासन के बाद स्थिति पर काबू पाया गया. नमिता के परिजनांे का कहना है कि वे लेाग काफी गरीब है. विभिन्न जांच के दौरान उनके पांच हजार रुपये खर्च हुए हैं जबकि उसे कुछ हुआ ही नहीं. मालदा मेडिकल कॉलेज के सह अध्यक्ष मोहम्मद अब्दुर रशिद ने बताया कि मरीज व उसके परिजनों के शिकायत के आधार पर चिकित्सक कल्याण मिश्र को बुलाया गया है. उसके खिलाफ लगाये गये आरोपों कीजांच की जायेगी.