हालांकि अभी यह प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है, लेकिन वाम मोरचा ने इसकी तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी है. कल ही वाम मोरचा के कन्वेनर तथा माकपा नेता जीवेश सरकार ने कहा था कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में वह तृणमूल कांग्रेस तथा भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन की कोशिश करेंगे. यहां तक कि एनडीए के घटक दल बिमल गुरूंग के नेतृत्व वाली गोजमुमो को भी अपने साथ लाने की बात कही. वाम मोरचा के इस घोषणा के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों खासकर भाजपा नेताओं की नींद उड़ी हुई है.
गोजमुमो महकमा परिषद चुनाव में भाजपा के साथ चुनाव लड़े, इसके लिए सभी तरह की कोशिश जारी है. आज वाम मोरचा के इस तरह की पहल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के जिला अध्यक्ष रथीन्द्र बोस ने कहा कि गोजमुमो शुरू से ही एनडीए का हिस्सा है. लोकसभा चुनाव के समय ही गोजमुमो को एनडीए में शामिल किया गया था और तब से लेकर अब तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुई है. गोजमुमो हमारी प्रमुख सहयोगी पार्टी है और वह सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ेगी. उन्होंने कहा कि वाम मोरचा गोजमुमो को अपने साथ लाने की असफल कोशिश कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव की सभी आवश्यक तैयारियां भाजपा की ओर से की जा रही है. भाजपा ने यह चुनाव न केवल गोजमुमो बल्कि आदिवासी विकास परिषद (आविप) के साथ मिलकर लड़ने का निर्णय लिया है.
उन्हें विश्वास है कि यह दोनों दल भाजपा के साथ गठबंधन करेंगे. श्री बोस ने आगे कहा कि विभिन्न सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा जारी है. एक बार चुनाव की घोषणा होते ही उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर लिया जायेगा. वाम मोरचा के गोजमुमो तथा आदिवासी विकास परिषद को अपने गठबंधन में शामिल होने को लेकर जब गोजमुमो नेताओं की से बातचीत की गई, तो उन्होंने मुख्यमंत्री के दौरे में व्यस्त रहने की बात कहकर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हालांकि गोजमुमो के उपाध्यक्ष रोशन गिरी ने यह संकेत दिया है कि वह एनडीए में ही बने रहेंगे.