जलपाईगुड़ी. सुअर पकड़ने के क्रम में नगरपालिका के कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग के सफाई कर्मचारी व उनके परिवार के आक्रोश का सामना करना पड़ा. जलपाईगुड़ी नगरपालिका के सफाई विभाग के अधिकारी महेश राजभर भी स्थिति संभालने में नाकामयाब रहे.
बाद में सदर महकमा शासक सीमा हलदार व कोतवाली थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. उसके बाद स्थिति को नियंत्रित किया जा सका.स्वास्थ्य विभाग के सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वे नगरपालिका के 12 नंबर वार्ड के एक इलाके में रहते हैं, जहां पर वे सुअर पालन करते हैं. नगरपालिका की ओर से उन्हें सुअर हटाने संबंधी कोई निर्देश नहीं मिला है.
दूसरी ओर, नगरपालिका के चेयरमैन मोहन बोस ने बताया कि सुअर पालन के मामले में किसी को बख्शा नहीं जायेगा. इस मामले में कठोर कदम उठाया जायेगा. उल्लेखनीय है कि इंसेफलाइटिस का प्रकोप बढ़ जाने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से कल विभाग के सफाई कर्मचारियों को सुअर पालन नहीं करने के खिलाफ सख्त हिदायत दी गयी. स्वास्थ्य विभाग के 18 सफाई कर्मचारियों के आवास के सामने सरकारी निर्देशिका लटका कर उसमें साफ कह दिया गया है कि अगले 24 घंटे के अंदर आवासन इलाके से सुअरों को नहीं हटाने पर उनलोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जायेगा. इस नोटिस के 24 घंटे बाद भी सफाई कर्मचारियों ने जब अपने आवास से सुअरों को नहीं हटाया तो आज नगरपालिका के कर्मचारी वहां पहुंच गये. जहां नगरपालिका के कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग के सफाई कर्मचारी व उनके परिवार के आक्रोश का सामना करना पड़ा. जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल के सफाई कर्मचारी बाबलु बांसफोड़ का कहना है कि नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों के इलाके में सैंकड़ों सुअरों का पालन किया जा रहा है, उसके खिलाफ नगरपालिका की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. उनलोगों के लिए भी एक समान नियम होना चाहिए. नगरपालिका की ओर से पक्षपात करने का आरोप उसने लगाया. दूसरी ओर नगरपालिका चेयरमैन मोहन बोस ने बताया कि सुअर को लेकर किसी तरह का पक्षपात नहीं किया जा रहा है. नगरपालिका के किसी भी इलाके में सुअर पालन करने नहीं दिया जायेगा. अगर नगरपालिका के सफाई कर्मचारी अपने घर व इलाके में सुअर पालते हैं तो उनलोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी.