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एक साल के अंदर ही निकली नो रिफ्यूजल टैक्सियों की हवा, अधिकतर के मीटर बंद

सिलीगुड़ी. करीब एक साल के अंदर ही सिलीगुड़ी में नो रिफ्यूजल टैक्सियों की हवा निकालने लगी है. पिछले साल बड़े ही तामझाम के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस टैक्सी सेवा की शुरूआत की थी. उन्होंने शुरूआत में एक कार्यक्रम के दौरान कई लोगों को इस टैक्सी सेवा के लिए ऑफर लेटर दिया था. तब […]

सिलीगुड़ी. करीब एक साल के अंदर ही सिलीगुड़ी में नो रिफ्यूजल टैक्सियों की हवा निकालने लगी है. पिछले साल बड़े ही तामझाम के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस टैक्सी सेवा की शुरूआत की थी. उन्होंने शुरूआत में एक कार्यक्रम के दौरान कई लोगों को इस टैक्सी सेवा के लिए ऑफर लेटर दिया था. तब से लेकर अब तक इस नो रिफ्यूजल टैक्सी सेवा की हवा निकली हुई है. राज्य सरकार तथा मोटर वाहन विभाग ने 1545 परमिट देने की घोषणा की थी.

सभी आवेदकों को ऑफर लेटर जारी किये गये थे. मोटर वाहन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी अधिकांश लोगों ने ऑफर लेटर मिलने के बाद भी टैक्सी खरीद कर इस सेवा की शुरूआत नहीं की. कुछ ही लोग टैक्सी सड़क पर उतारने के लिए राजी हुए. 1545 लोगों को ऑफर लेटर जारी होने के बाद भी वर्तमान में सिलीगुड़ी में करीब 100 से भी कम नो रिफ्यूजल टैक्सियां चल रही हैं. नियमानुसार नो रिफ्यूजल टैक्सी के चालक किसी भी यात्री को कहीं लाने या ले जाने से इंकार नहीं कर सकते.

वर्तमान में इस नियम की पूरी तरह से अनदेखी हो रही है. ऐसे टैक्सी चालक पहले ही यात्रियों से किराया तय करने में लग जाते हैं. किराया तय होने के बाद ही यह लोग कहीं जाने के लिए तैयार होते हैं. इतना ही नहीं, ऐसे टैक्सी चालक पूरी तरह से अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं. अगर इन्हें कहीं जाने की इच्छा हुई, तो जाते हैं. यात्रियों के अनुरोध का कोई ख्याल नहीं रखा जाता. सबसे बड़ी बात यह है कि सिलीगुड़ी में जितनी भी नो रिफ्यूजल टैक्सियां चल रही हैं उन सभी में किराये के लिए मीटर लगे हुए हैं. मीटर के हिसाब से ही यात्रियों को किराया देना पड़ता है. वर्तमान में मीटर सिस्टम की पूरी तरह से नो रिफ्यूजल टैक्सी के चालक अनदेखी कर रहे हैं. अधिकांश टैक्सियों के मीटर बंद पड़े हुए हैं. टैक्सी चालकों ने मीटर को ढक कर रख दिया है. बाहर से सिलीगुड़ी आने वाले यात्रियों को मीटर के बारे में पता ही नहीं चलता. यदि कोई यात्री नो रिफ्यूजल टैक्सी से कहीं जाना चाहते हैं, तो ऐसे टैक्सी चालक पहले ही किराये की दर मोलाई कर लेते हैं. नो रिफ्यूजल टैक्सी चालकों पर अनाप-शनाप किराया लेने का आरोप लग रहा है. सिलीगुड़ी से यदि कोई बागडोगरा एयरपोर्ट जाना चाहे तो एक हजार रुपये की मांग की जाती है. दर मोलाई करने पर 600 से 700 सौ रुपये में बात बनती है. इसी तरह से न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर भी नो रिफ्यूजल टैक्सियों की यही स्थिति है. न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से सिलीगुड़ी अथवा इसके आसपास किसी भी इलाके में जाने के लिए पहले से ही किराया तय कर लिया जाता है. अगर कोई यात्री मीटर की बात करता है, तो टैक्सी चालक मीटर खराब होने का बहाना बनाते हैं.

सिलीगुड़ी के देवीडांगा इलाके के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने एक नो रिफ्यूजल टैक्सी वाले से सेवक जाने की बात कही थी. टैक्सी चालक ने 15 सौ रुपये की मांग की. काफी कहने पर एक हजार रुपये में बात तय हुई और वह सेवक जा सके. नियमानुसार मीटर टैक्सी का किराया पहले 1.75 किलोमीटर के लिए 25 रुपये है. उसके बाद हरेक 200 मीटर पर 4 रुपये देने पड़ते हैं. कहने का मतलब यदि कोई व्यक्ति सिलीगुड़ी से 15 किलोमीटर दूर बागडोगरा एयरपोर्ट जाता है तो उसे नियमानुसार 325 रुपये देने पड़ेंगे. नो रिफ्यूजल टैक्सियों में लगे मीटर में यही किराया शो होगा. एसी टैक्सी के लिए 20 प्रतिशत किराया अलग से लगेगा. वहीं दूसरी तरफ नो रिफ्यूजल टैक्सी चालकों की मनमानी से यात्रियों को 600 से लेकर 1000 रुपये चुकाने पड़ते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, नो रिफ्यूजल टैक्सी चालक अपनी रूट सीमा की भी अनदेखी करते हैं. नो रिफ्यूजल टैक्सियों को एसजेडीए क्षेत्र में ही चलने की परमिट दी गई है. आरोप है कि एसी टैक्सियां अधिक किराया मिलने पर एसजेडीए क्षेत्र से बाहर भी जाने को तैयार हो जाती हैं. इन तमाम स्थितियों के बाद भी पुलिस तथा मोटर वाहन विभाग पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं. परमिट जारी होने के बाद से नो रिफ्यूजल टैक्सियों की एक बार भी चेकिंग नहीं हुई है.

क्या है किराया : सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण क्षेत्र में कहीं भी आवाजाही के लिए पहले 1.75 किलोमीटर पर 25 रुपये और उसके बाद हरेक 200 मीटर पर 4 रुपये लगेंगे. यानि प्रति किलोमीटर 20 रुपये देना पड़ेगा. इसके अलावा वेटिंग चार्ज का अलग से प्रावधान है. 20 किलो से अधिक सामान होने पर सामान का किराया अलग से लगेगा. एसी टैक्सियों के लिए 20 प्रतिशत अतिरिक्त किराया चुकाना होगा. नो रिफ्यूजल टैक्सी चालक को मीटर के हिसाब से किराया लेना होगा और बिल की प्रिंट कॉपी यात्री को देनी होगी.

क्या कहते हैं परिवहन बोर्ड के सदस्य : राज्य परिवहन बोर्ड के सदस्य मदन भट्टाचार्य का इस संबंध में कहना है कि नो रिफ्यूजल टैक्सी चालकों को मीटर के हिसाब से ही किराया लेना होगा. अगर कोई अधिक किराये की वसूली करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. श्री भट्टाचार्य ने आगे कहा कि इस मुद्दे को लेकर वह शीघ्र ही मीटर टैक्सियों की मीटर की चेकिंग अभियान शुरू करेंगे. इसके साथ ही नो रिफ्यूजल टैक्सियों द्वारा अधिक किराया वसूलने की यदि कोई शिकायत उनके पास आती है तो वह जांच करा कर संबंधित टैक्सी मालिक के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

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