सिलीगुड़ी. पांच नंबर वार्ड क्षेत्रफल, जनसंख्या व भौगोलिक दृष्टि से सिलीगुड़ी नगर निगम के महत्वपूर्ण वार्ड है. राष्ट्रीय राजमार्ग के बर्दवान रोड व महानंदा नदी के किनारे बसा यह वार्ड. जलपाई मोड़ से बर्दवान रोड के तीन सौ मीटर के अंतराल में चकाचक बिल्डिंग, ऑफिस, शॉपिंग मॉल को देखे जाने पर पहली नजर में यह वार्ड काफी संपन्न वार्ड दिखाई पड़ता है.
लेकिन वार्ड के गली-मुहल्लों में घूमने पर वार्ड की वास्तविक स्थिति का नजारा सामने दिखाई पड़ता है. वार्ड में समस्याएं एक नहीं कई हैं. गंदगी, खटाल व जलजमाव वार्ड की मुख्य समस्या है.
सिलीगुड़ी की धर्मनगरी कहा जानेवाला यह वार्ड असलियत में असामाजिक तत्वों का गढ़ है. अवैध शराब के अड्डे, शराबियों, मवालियों से काफी परेशान हैं वार्डवासी. इस वार्ड में देवी-देवताओं के अनेकों मंदिर स्थापित हैं. श्री सालासर दरबार, श्री खाटू श्याम मंदिर, मां संतोषी मंदिर, श्री राणीसती मंदिर, मौनी बाबा मंदिर, श्री हनुमान मंदिर के अलावा और भी कई भव्य मंदिरों के होने से यह वार्ड तीर्थ स्थल में तब्दील हो गया है. इसके बावजूद सड़कें व पूरा इलाका पूरी तरह बदहाल है. वार्ड में तकरीबन एक सौ अवैध खटाल हैं. मवेशियों के मल-मूत्रों का ढेर खटालों के बाहर सड़कों पर हमेशा पड़ा रहता है. फलस्वरूप दरुगध व प्रदूषण दूर-दूर तक फैल रहा है. मच्छरों के आतंक से लोग काफी परेशान हैं. दिन में ही मच्छर के डंक मारने से बाज नहीं आते. बीमारियां मुंह बायी खड़ी हैं. डेंगू, मलेरिया, इंसेफलाटिस जैसी जानलेवा बीमारियों का प्रकोप वार्ड में हमेशा बनी रहती है.
गंदगियों का ढेर जहां-तहां देखा जा सकता है. सफाई न होने के कारण ड्रेन, नाले गंदगियों से सराबोर है. हल्की बारिश में भी जल जमाव आम बात है. बारिश के मौसम में घरों में पानी लबालब हो जाता है. निगम अधिकारियों की अनदेखी की वजह से वार्ड में नागरिक परिसेवा पूरी तरह ठप्प है. इस बार के चुनाव में इन समस्याओं के साथ-साथ ज्वलंत मुद्दा रामघाट विवाद को विपक्षियों ने हथियार बनाया है. इस बार निगम चुनाव में इस वार्ड से दो निर्दल समेत कुल 6 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत अजमा रहे हैं.