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कोलकाता पुलिस की दबंगई के खिलाफ सिलीगुड़ी में छात्र हुए लाल

सिलीगुड़ी : कोलकाता पुलिस की दबंगई के खिलाफ आज सिलीगुड़ी में भी छात्र ‘लाल’ हुए और सड़क पर उतरे. माकपा प्रायोजित युवा विंग डेमोक्रेटिक युथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाइएफआइ) व छात्र विंग स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की दार्जिलिंग जिला इकाई के संयुक्त बैनर तले आज सिलीगुड़ी के हिलकार्ट रोड स्थित पार्टी मुख्यालय अनिल विश्वास […]

सिलीगुड़ी : कोलकाता पुलिस की दबंगई के खिलाफ आज सिलीगुड़ी में भी छात्र ‘लाल’ हुए और सड़क पर उतरे. माकपा प्रायोजित युवा विंग डेमोक्रेटिक युथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाइएफआइ) व छात्र विंग स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की दार्जिलिंग जिला इकाई के संयुक्त बैनर तले आज सिलीगुड़ी के हिलकार्ट रोड स्थित पार्टी मुख्यालय अनिल विश्वास भवन से दोपहर एक बजे प्रतिवाद रैली निकाली गयी.
रैली जैसे ही हाशमी चौक की ओर कूच की, हिलकार्ट रोड पर पहले से ही सिलीगुड़ी कमिश्नरेट पुलिस के एडीसीपी भोलानाथ पांडये, एसीपी पीनाकी मजूमदार, सिलीगुड़ी थाना के इंस्पेक्टर अचिंत दास दल-बल के साथ मौजूद थे. रैली जैसे ही निलाद्री शिखर बिल्डिंग के सामने पहुंची, पुलिस ने रैली पर ब्रेक लगा दिया. आंदोलनकारी छात्र सड़क पर ही बैठकर पथावरोध करने लगे. आंदोलनकारियों के अगुवा नेता व डीवाइएफआइ के जिलाध्यक्ष शंकर घोष, एसएफआइ के जिला अध्यक्ष सौरभ दास एवं सचिव सौरभ सरकार समेत दर्जन भर आंदोलनकारी छात्रों को पुलिस ने जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार छात्रों में दो छात्रएं भी शामिल थी.
बाद में सभी को सिलीगुड़ी थाना से ही निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया. शंकर घोष ने पुलिसिया कार्रवायी की तीव्र निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन पर राज्य सरकार की कठपुतली बनने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने कहा कि कल कोलकाता में छात्रों के कानून तोड़ो आंदोलन के दौरान पुलिस की दंबगयी देखी गयी. मासूम छात्रों पर लाठी चार्ज कर कोलकाता पुलिस ने बर्बरता का परिचय दिया.
पुलिस की लाठी चार्ज में 10 छात्र नेता जख्मी हुए. श्री घोष ने कहा कि दो अप्रैल के ही दिन दो साल पहले कोलकाता पुलिस की हिरासत में सुदीप्त गुप्ता की रहस्यमय मौत हुई थी. उसी की याद में प्रत्येक साल एसएफआइ दो अप्रैल को काला दिवस के रुप में पालित करती है. इसी के तहत कल कोलकाता में छात्र लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे थे. आज पूरे राज्य में कल की घटना के खिलाफ एवं सरकार व पुलिस प्रशासन के विरुद्ध प्रतिवाद किया गया. एडीसीपी भोलानाथ पांडेय ने कहा कि आज की रैली के लिए पुलिस प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी. इसी वजह से प्रदर्शनकारियों को बीच में ही रोकना पड़ा, न मानने पर करीब 12 प्रदर्शनकारियों को मजबूरन गिरफ्तार करना पड़ा.

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