सिलीगुड़ी. पहले से ही विभिन्न समस्याओं से परेशान राज्य सरकार की दूध उत्पादन कंपनी हिमुल की परेशानी आने वाले दिनों में और भी अधिक बढ़ने की संभावना है. हिमुल कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ एक बार फिर मोरचा खोलते हुए यहां पांचवां वेतन आयोग लागू करने की मांग की है.
इतना ही नहीं, कर्मचारियों को नियमित रूप से तनख्वाह देने, पीएफ तथा ग्रेच्युटी के पैसे समय पर जमा करने आदि की मांगों को लेकर आंदोलन की भी धमकी दी गई है. इसके लिए कर्मचारियों ने मिलकर हिमुल बचाओ कमेटी का भी गठन किया है. इस संगठन के कन्वेनर बरुण कुमार घोष के नेतृत्व में हिमुल कर्मचारियों ने अपनी 11 सूत्री मांगों के समर्थन में माटीगाड़ा स्थित हिमुल के सीईओ को एक ज्ञापन भी दिया है.
इस संबंध में श्री घोष ने कहा कि हिमुल प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिये जाते हैं. इसके अलावा पीएफ तथा ग्रेच्युटी की रकम भी जमा नहीं कराये जाते. जिसकी वजह से आये दिन कर्मचारियों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने हिमुल कर्मचारियों को हरेक महीने की 1 तारीख को तनख्वाह भुगतान करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने पीएफ तथा ग्रेच्युटी के मद में सभी बकाये का भुगतान शीघ्र करने की भी मांग की.
उन्होंने कहा कि हिमुल प्रबंधन ने कई कर्मचारियों को बगैर किसी दोष के ही निलंबित कर दिया है. ऐसे कर्मचारी जिन्होंने कोई गलती नहीं की है, उनको फिर से बहाल करने की मांग भी उन्होंने की. श्री घोष ने कहा कि हिमुल के ऐसे कर्मचारियों की भी संख्या काफी है, जो काम से रिटायर हो गये हैं, लेकिन उनके पीएफ तथा ग्रेच्युटी का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि नौकरी से रिटायर हो चुके सभी कर्मचारियों को तत्काल भुगतान मिलना चाहिए और आने वाले दिनों में जो भी कर्मचारी रिटायर होंगे उनको उसी समय रिटायरेंट की सभी सुविधाएं प्रदान करनी होगी. श्री घोष ने आगे कहा कि कंपनी ने दूध आपूर्तिकर्ताओं को भी भुगतान नहीं किया है, जबकि बाजार में कंपनी के उत्पादों की मांग अच्छी है. भुगतान नहीं मिलने की वजह से काफी संख्या में आपूर्तिकर्ताओं ने दूध की आपूर्ति बंद कर दी है. उन्होंने आपूर्तिकर्ताओं से बातचीत कर सभी समस्या के तत्काल समाधान की भी मांग की.