सिलीगुड़ी : मकर संक्रांति को लेकर मंगलवार को सिलीगुड़ी व आस-पास के बाजारों में काफी रौनक रही. शहर के विधान रोड, सिलीगुड़ी थाना के सामने एसएफ रोड, महावीरस्थान बाजार, जलपाईमोड़, चंपासारी बाजार, हैदरपाड़ा बाजार, माटीगाड़ा, फूलबाड़ी, बागडोगरा, नक्सलबाड़ी, खोरीबाड़ी के हाट-बाजारों में जहां सुबह से ग्रामीण महिलाओं द्वारा उखल में चावल का आटा तैयार कर बिक्री करते देखा गया.
वहीं शहरवासियों को पीठा बनाने के लिए चावल का आटा के अलावा तील के लड्डू, तील खाजा, मुड़ी-चुड़ा के लुड्डू भी खूब बिक्री हुए. इतना ही नहीं इन व्यंजनों को बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले खजुर गुड़ का भी आज खूब बिक्री हुआ. आज कई जगहों पर सामूहिक रूप से खिचड़ी का प्रसाद भी लोगों में वितरण करते देखा गया.
कल यानी बुधवार को भी शहरवासियों व सामाजिक संस्थाओं द्वार भी दिनभर विभिन्न सेवा मूलक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. मकर-संक्रांति सूर्योपासना व दान-पुण्य का महापर्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा या फिर अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देने व दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. धर्माचार्य नरेंद्र मोहन झा की माने तों मकर संक्रांति का मुहुर्त 15 जनवरी तक रहेगा.
यहीं वजह है कि अधिकांश लोग बुधवार को मकर संक्रांति का पालन करेंगे. श्री झा का कहना है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है. सूर्य का यह दिशा परिवर्तन लोगों के जीवन का सबसे शुभ मुहुर्त माना जाता है. श्री झा का कहना है कि इस दिन तिल का सेवन करना और दान करने का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व माना गया है.