रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिलने के कारण नहीं आया प्रथम वर्ष का रिजल्ट
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आक्रोशित स्टूडेंट्स ने प्रिंसिपल के कार्यालय में किया धरना-प्रदर्शन
रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिलने के कारण नहीं आया प्रथम वर्ष का रिजल्ट सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल हेल्थ यूनिवर्सिटी के कार्यों पर कथित तौर से लापरवाही का आरोप लगाते हुए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज स्थित डेंटल कॉलेज के 50 विद्यार्थियों ने अपने भविष्य को खतरे में बताया है. डेंटल कॉलेज के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का […]
सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल हेल्थ यूनिवर्सिटी के कार्यों पर कथित तौर से लापरवाही का आरोप लगाते हुए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज स्थित डेंटल कॉलेज के 50 विद्यार्थियों ने अपने भविष्य को खतरे में बताया है. डेंटल कॉलेज के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का आरोप है कि वर्ष 2018-19 में नामांकन के बाद अभी तक उनलोगों को रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिला.
यहां तक की कॉलेज प्रबंधन की ओर से परीक्षा से पहले अस्थायी तौर पर रजिस्ट्रेशन नंबर मुहैया कराया गया था. परीक्षा देने के बाद रिजल्ट नहीं आने के कारण विद्यार्थी चिंतित हैं. भविष्य अंधकारमय होता देख एक विद्यार्थी ने तो आत्महत्या करने का भी प्रयास किया है. जिसको लेकर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज स्थित डेंटल कॉलेज के 50 विद्यार्थियों ने कॉलेज के प्रिसिंपल कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया.
इस घटना को लेकर डेंटल कॉलेज के एक विद्यार्थी देवज्योति दत्ता ने बताया कि कोर्ट ऑर्डर के बाद वर्ष 2018-19 के शिक्षा वर्ष में 50 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था. विद्यार्थियों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए उनलोगों ने दो बार फॉर्म जमा किया था. नामांकन के समय विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से विद्यार्थियों को आगामी दिनों में समस्या नहीं होने का आश्वासन दिया गया था.
उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष की परीक्षा के दौरान परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले विद्यार्थियों को अस्थाई रजिस्ट्रेशन नंबर दिया गया. जिसके बाद उनलोगों ने अपना परीक्षा दिया. उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के डेंटल कॉलेज को छोड़कर सभी कॉलेज के प्रथम वर्ष का रिजल्ट निकल चुका है.
इस समस्या को लेकर विद्यार्थियों ने खुद कॉलेज के प्रिसिंपल तथा विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ बातचीत किया था. विद्यार्थियों को कॉलेज तथा विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से पांच बार समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया.
श्री दत्ता ने बताया कि अंत में विश्वविद्यालय ने कोर्ट ऑर्डर तथा डीसीआई के मान्यता की दुहाई देते हुए कॉलेज के 50 विद्यार्थियों को रिजल्ट देने से हाथ खड़ा कर दिया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य स्वास्थ्य भवन, विश्वविद्यालय तथा कॉलेज प्रबंधन विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ कर रही है.
जिस वजह से कॉलेज के 50 विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. उन्होंने बताया कि इस लापरवाही के चलते कॉलेज के सभी विद्यार्थी काफी परेशान है. विद्यार्थियों में कुशल मित्रा ने अवसाद में आकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था. जब तक प्रथम वर्ष की परीक्षा का रिजल्ट नहीं आ जाता विद्यार्थी द्वितीय वर्ष की परीक्षा को भी नहीं दे सकते हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय के पास उन 50 विद्यार्थियों को स्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर देने के साथ ही प्रथम वर्ष का रिजल्ट घोषित करने की मांग की.
वहीं डेंटल कॉलेज के प्रिसिंपल सत्यब्रत मुखर्जी ने बताया कि इस विषय को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन के रजिस्ट्रार के साथ बातचीत हुई है. इससे पहले भी उनलोगों ने मामले से वाइस चांसलर को अवगत कराया था. रजिस्ट्रार ने भी कोर्ट के अगले निर्देश की बात कही है.
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