बड़ा हादसा होते होते टला, जानमाल का कोई नुकसान नहीं, विभागीय जांच के आदेश
मालदा : एक दुर्घटना में पदातिक एक्सप्रेस के इंजन से उसकी एक बोगी यकायक अलग हो गयी. इसके बाद 500 मीटर तक इंजन बिना बोगी के चलता रहा तब जाकर चालक को बोगी के छूटने का अंदेशा हुआ तो उसने इंजन को रोका. सोमवार को हुई दुर्घटना में हालांकि ट्रेन की रफ्तार कम रहने से बड़ा हादसा टल गया.
यह घटना आज तड़के मालदा स्टेशन से छूटने के बाद हरिश्चंद्रपुर थानांतर्गत भालुका रोड स्टेशन संलग्न बालाकोट में घटी है. घटना की जानकारी के बाद एनएफ रेलवे के कटिहार डिवीजन ने जांच के आदेश दिये हैं. हालांकि कटिहार के डीआरएम डी गुप्त की प्रतिक्रिया उनकी व्यस्तता के चलते नहीं मिल सकी.
रेलवे सूत्र के अनुसार सोमवार को तड़के 5 : 45 बजे सियालदह-एनजेपी पदातिक एक्सप्रेस ट्रेन मालदा टाउन स्टेशन से छूटी. उसके बाद सुबह साढ़े छह बजे के करीब भालुका रोड स्टेशन से एक किमी दूर ट्रेन की रफ्तार कम होने के बाद ही उक्त घटना घटी. इंजन बोगी के बिना ही करीब 500 मीटर तक चलता रहा.
उसके बाद चालक को कुछ आभास हुआ जिसके बाद उन्हें पता चला कि बोगी पीछे छूट गयी है. उसके बाद उन्होंने इंजन को रोक दिया. विभाग के कई अधिकारियों का मानना है कि अगर ट्रेन की रफ्तार अधिक होती तो कोई हादसा हो सकता था. जान-माल का नुकसान हो सकता था. सूत्र के अनुसार कुल मिलाकर ट्रेन में 17 बोगी रहती है. इतनी बड़ी चूक कैसे हुई इस पर अधिकारियों ने हैरानी जतायी है. हालांकि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही असली कारणों का पता चल पायेगा.
उधर, ट्रेन के यात्रियों ने इस तरह की घटना के लिये रेल कर्मचारियों की लापरवाही को ही जिम्मेदार बताया है. इंगलिशबाजार नगरपालिका में तृणमूल के पार्षद और रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति मालदा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि पदातिक एक्सप्रेस की यह घटना सुनकर वे अवाक रह गये. उनका मानना है कि यह घटना लापरवाही का ही नतीजा है. रेलवे को इसकी निष्पक्ष जांच कर जरूरी कदम उठाने चाहिये.