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दूसरे दिन भी तेंदुए का नहीं मिला कोई सुराग, मदद के लिए दो और हाथियों को मंगाया गया
सिलीगुड़ी : बंगाल सफारी पार्क के अपने बाड़े से मंगलवार को जो तेंदुआ भाग निकला था,उसका अब तक कोई पता नहीं चला है. दूसरे दिन भी तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग तथा बंगाल सफारी पार्क की टीम लगातार अभियान चला रही है.देर शाम तक तेंदुए को पकड़ने में सफलता नहीं मिली. इधर बुधवार […]
सिलीगुड़ी : बंगाल सफारी पार्क के अपने बाड़े से मंगलवार को जो तेंदुआ भाग निकला था,उसका अब तक कोई पता नहीं चला है. दूसरे दिन भी तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग तथा बंगाल सफारी पार्क की टीम लगातार अभियान चला रही है.देर शाम तक तेंदुए को पकड़ने में सफलता नहीं मिली. इधर बुधवार को बंगाल सफारी पार्क में कार सफारी की शुरूआत कर दी गयी है.
हांलाकि पर्यटकों को सफारी पार्क के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है. गेट के बाहर पर्यटकों को विशेष प्रकार की गाड़ी में सवार कर कार सफारी करायी जा रही है.जबकि एलीफेंट सफारी एवं लेपर्ड सफारी बंद रखा गया है. सिर्फ कार सफारी की ही इजाजत दी गई है.
ऐसे भी एक तेंदुए के फरार होने की खबर के बाद यहां बुधवार को आम लोगों की भीड़ कम ही देखी गई. उसके बाद भी वन कर्मियों ने कई तरह के एहतियाती कदम उठा रखे हैं. पूरे बंगाल सफारी पार्क इलाके में वन कर्मी गश्त लगा रहे हैं.
मंगलवार रात को सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया था. बुधवार तड़के से ही वन विभाग ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया. सुबह साढ़े पांच बजे से ही ऑपरेशन की शुरूआम कर दी गयी. कुल 6 टीमें तेंदुए को खोजने में लगी हुई है.
इसके अलावा 2 पालतू हाथियों की मदद से भी तेंदुए की तलाश की जा रही है .उसके बाद भी तेंदुए का कोई अता पता नहीं चला है. बंगाल सफारी पार्क सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तेंदुए को पकड़ने के लिए दो और हाथी मंगाए जा रहे हैं.
जल्दापाड़ा जंगल से दो हाथियों को रवाना कर दिया गया. यह दोनों हाथी भी बंगाल सफारी पहुंच चुके है. वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो और हाथी आ जाने के बाद कुल 4 हाथियों की सहायता से कॉम्बैट ऑपरेशन के तर्ज पर तेंदुए की तलाश की जाएगी.
इसबीच, तेंदुए को पकड़ने के लिए पूरे बंगाल सफारी पार्क क्षेत्र में कुल 15 पिंजरे लगाए गए हैं. इन पिंजरों में बकरों को रखा गया है. ताकि तेंदुआ बकरा खाने के लोभ में पिंजरे में फंस जाए.
वन विभाग की प्रशिक्षित टीम भी पिंजरे के आसपास निगरानी कर रही है. वन विभाग सूत्रों ने बताया है कि जो तेंदुआ फरार हुआ है वह खतरनाक प्रवृत्ति का है. 3 साल पहले अलीपुरद्वार जिले के वनक्षेत्र से इस तेंदुए को पकड़ा गया था.
उसके बाद तेंदुए को दक्षिण खयेरबाड़ी के एक रेस्क्यू सेंटर में रखा गया. कुछ दिन वहां रखने के बाद तेंदुए को बंगाल सफारी पार्क में एक विशेष बाड़ा बनाकर छोड़ दिया गया. यह तेंदुआ बंगाल सफारी पार्क आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र था.
सूत्रों ने आगे बताया कि इस तेंदुए को बाड़ में रहना मंजूर नहीं था. उसकी हरकतें ऐसी थी जिसमें उसकी खतरनाक प्रवृत्ति झलकती थी. इसने 2 महीने पहले एक वनकर्मी पर भी हमला किया था. इस बीच इस पूरे मामले की जांच के लिए वन विभाग के अधिकारियों की एक टीम भी यहां हो चुकी है.
बंगाल सफारी पार्क के कार्यकारी निदेशक असीम कुमार चाकी का कहना है कि तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. सुबह साढ़े पांच बजे से ही ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. उम्मीद है तेंदुए को शीघ्र पकड़ लिया जाएगा.इसबीच,बंगाल सफारी पार्क में वन विभाग के तमाम आला अधिकारियों का जमावड़ा लगा हुआ है.
उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी के निकट सालुगाड़ा स्थित बंगाल सफारी पार्क में मंगलवार को एक तेंदुआ अपने बाड़े से भाग निकला. इस घटना से वन विभाग और बंगाल सफारी पार्क प्रबंधन में हड़कंप है. सफारी के आसपास के इलाके के लोग भी दहशत में हैं.
मंगलवार की सुबह सात बजे के आसपास सचिन नामक तेंदुआ अपने बाड़े से निकल भागा.माना जा रहा है कि पेड़ पर चढ़कर तेंदुआ अपने बाड़े से भागा. वन विभाग सूत्रों के अनुसार नींद की गोली मारकर उसे पकड़ने की कोशिश की जायेगी.
विशेष प्रकार की गाड़ी मंगायी गयी
तेंदुए को पकड़ने के बाद उसे कब्जे में करने के लिए विशेष प्रकार की गाड़ी मंगायी गयी है. वन विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पिंजरेनुमा गाड़ी को रिजर्व रखा गया. जैसे ही तेंदुए को पकड़ा जायेगी,उसे इसी गाड़ी में रखा जायेगा. उसके बाद तेंदुए को रेस्क्यू सेंटर लाया जायेगा.
पशु चिकित्सक भी तैनात
बंगाल सफारी पार्क में पशु चिकित्सों की एक टीम भी तैनात की गयी है. वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार तेंदुए के पकड़े जाने के बाद सबसे पहले पशु चिकित्सक उसकी जांच करेंगे.तेंदुए के इतने आसानी से पकड़े जाने की संभावना नहीं है. विशेष टीम को बल प्रयोग भी करना पड़ सकता है.
इसके अलावा तेंदुए को काबू में करने के लिए नींद की गोली भी मारी जा सकती है. इस परिस्थिति में तेंदुआ घायल हो जाये तो तत्काल उसकी चिकित्सा सुनिश्चित करने के लिए पशु चिकित्सकों की टीम तैनात की गयी है.
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