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सिलीगुड़ी : भूटानी ट्रकों की आवाजाही से परेशान स्थानीय लोगों में फूटा आक्रोश, भारत-बांग्लादेश सड़क को किया जाम

सिलीगुड़ी : प्रतिदिन की समस्या के स्थायी समाधान की मांग में इलाकाई लोगों ने दो देशों के बीच का व्यवसाय कई घंटों के लिए रोक दिया. प्रशासन के हस्तक्षेप से समस्या समाधान की मांग लोगों ने की है. इसको लेकर इलाकाई लोगों ने फूलबाड़ी सीमांत सड़क कई घंटो तक बंद रखा. बाद में पुलिस के […]

सिलीगुड़ी : प्रतिदिन की समस्या के स्थायी समाधान की मांग में इलाकाई लोगों ने दो देशों के बीच का व्यवसाय कई घंटों के लिए रोक दिया. प्रशासन के हस्तक्षेप से समस्या समाधान की मांग लोगों ने की है. इसको लेकर इलाकाई लोगों ने फूलबाड़ी सीमांत सड़क कई घंटो तक बंद रखा. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति सामान्य हुयी.
बोल्डर लदी गाड़ियों की वजह से सिलीगुड़ी से सटे फूलबाड़ी स्थित भारत-बांग्लादेश सीमांत इलाकाई लोगों की परेशानी अब आम बात है. दिन भर भूटान की गाड़ियों को सीमा लांघने की अनुमति के बाद लोगों का जीना दूभर हो गया है. बल्कि व्यवसाय व दुकान-पाट भी बंद होने की नौबत आन पड़ी है.
फूलबाड़ी इमिग्रेशन सेंटर होकर बोल्डर बांग्लादेश निर्यात होता है. रोजना करीब 700 बोल्डर लदे ट्रक इमिग्रेशन से होकर बांग्लादेश जाते हैं. बीते दस दिनों से बोल्डर लदे भूटानी ट्रकों की संख्या काफी बढ़ गयी है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों का धीरज जवाब दे गया. लोगों का कहना है कि समस्या कम होने के बदले और बढ़ गयी है. बीते 22 नवंबर को भारत सरकार ने भूटान की गाड़ियों को भी दिन भर सीमा लांघने की अनुमति दे दी. जबकि पहले दिन के मात्र तीन घंटे सुबह से आठ बजे से 11 बजे तक ही भूटान के बोल्डर लदे ट्रक फूलबाड़ी व कूचबिहार के चेंगराबाधा सीमा से बांग्लादेश जा सकते थे.
ट्रकों का जमावड़ा लगने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का करना पड़ता है. ट्रक चालक व खलासी उसी इलाके में मल-मूत्र त्याग करते हैं. खाना-पीना खाकर वहीं कचरा फेंक जाते हैं. इसके अतिरिक्त समय गुजारने के लिए शराब व जुए का अड्डा भी जमता है. जिसकी वजह से इलाकाई महिलाओं को सड़क पर निकलना भी मुश्किल है. वहीं दूसरी ओर दिन भर ट्रकों की कतार खड़ी रहने से स्थानीय दुकानदारों का धंधा चौपट हो गया है. इस समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार पुलिस प्रशासन से समाधान की दरख्वास्त की.
लेकिन लोगों की फरियाद पर कोई सुनवायी नहीं हुयी. इसके बाद अभी हाल में ही भारत सरकार ने फूलबाड़ी व चेंगराबांधा सीमांत से तीन घंटे के बजाए सुबह सात बजे से शाम के 5 बजे तक यानी दिन भर भूटानी ट्रकों को भी सीमा लांघने की अनुमति दे दी. इसके बाद से सीमांत इलाके में ट्रकों का आतंक और बढ़ गया है.
ट्रकों की लंबी कतार से लोगों को आवागमन में हुई दिक्कत
फूलबाड़ी बाजार से सीमांत की दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर है. बांग्लादेश जाने वाले बोल्डर लदे ट्रक इन डेढ़ किलोमीटर के अलावा एशियन हाइवे-2, कैनाल रोड, ट्रक टर्मिनस, पूटीमारी इलाके में लगते थे. लेकिन पहले ट्रकों की संख्या कम होने से परेशानी कम थी. पिछले कई दिनों से ट्रकों की संख्या काफी बढ़ गयी है. स्थानीय निवासी सुमन अधिकारी ने बताया कि इलाके में 24 घंटे ट्रकों की लंबी कतार लगी रहती है.
महिलाओं का निकलना मुश्किल
सड़क किनारे बसे लोगों के घरों की महिलाओं व युवतियों का स्नान आदि करना भी मुश्किल हो गया है. महिलाओं व युवतियों को सड़क पर देखते ही नशे में टल्ली ट्रक चालक व खलासी छींटाकसी करते हैं. इन समस्याओं को लेकर कई बार प्रशासन से आवेदन किया गया लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला. बल्कि दिन-प्रतिदिन ट्रकों की संख्या बढ़ती जा रही है.
जुआ व शराब का अड्डा भी कम होने के बजाए बढ़ने लगा है. इसी के खिलाफ आज इलाकाई लोग सड़क पर उतरे हैं. वहीं स्थानीय एक दुकानदार अब्दुल रज्जाक ने बताया कि दुकान के सामने 24 घंटे ट्रक खड़ा रहता है. ट्रक की वजह से दुकान में ग्राहकों का टोटा पड़ गया है. बीते कई दिनों से दुकान पर 100 रूपए से अधिक का माल नहीं बिका.
ऐसे में खाने के लाले पर जायेगें. इसी के खिलाफ आज इलाकाई लोग सड़क पर उतरे हैं. वहीं दूसरी ओर एशियन हाइवे, कैनाल रोड, घोषपुकुर बाईपास रोड आदि पर ट्रकों की लंबी कतार से बड़े हादसे की संभावना बनी रहती है.

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