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बांग्लादेश सीमा से लगी कैनाल से मिले चार मोर्टार शेल, 81 एमएम के बम बरामद होने से खलबली

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी से सटे फांसीदेवा स्थित भारत-बांग्लादेश सीमांत इलाके में एक कैनाल से 81 एमएम के मोर्टार शेल (बम) बरामद होने से खलबली मच गयी. पुलिस, सीआइडी व सीमा सुरक्षा वाहिनियों के भी होश उड़े हुए हैं. बरामद शेल अति शक्तिशाली हैं, जिनका प्रयोग सेना दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने के लिए करती […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी से सटे फांसीदेवा स्थित भारत-बांग्लादेश सीमांत इलाके में एक कैनाल से 81 एमएम के मोर्टार शेल (बम) बरामद होने से खलबली मच गयी. पुलिस, सीआइडी व सीमा सुरक्षा वाहिनियों के भी होश उड़े हुए हैं. बरामद शेल अति शक्तिशाली हैं, जिनका प्रयोग सेना दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने के लिए करती है.
गुरुवार की सुबह फांसीदेवा थाना अंतर्गत निजबाड़ी से होकर गुजरनेवाली महानंदा कैनाल में चार मोर्टार शेल देखे गये. जानकारी मिलते ही फांसीदेवा थाना प्रभारी सुजीत लामा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. इसके तुरंत बाद दार्जिलिंग जिला पुलिस के डीएसपी (ग्रामीण) प्रवीर मंडल पहुंचे. जानकारी के मुताबिक, रोज की तरह कुछ स्थानीय लोग मछली पकड़ने कैनाल गये थे.
कैनाल में ये शेल दिखे तो स्थानीय बच्चे उत्सुकतावश उससे खेलने लगे. उसी समय वहां से गुजर रहे एक सिविक वोलेंटियर ने बच्चों को उससे दूर किया और फांसीदेवा थाना को जानकारी दी.
इसके बाद पुलिस अधिकारियों का घटनास्थल पर पहुंचना शुरू हो गया. कैनाल में पड़े शेल को निकालने के लिए सीआइडी को इतल्ला की गयी. अति विस्फोटक होने की वजह से मौके पर पहुंचे सीआइडी के बम निरोधक दस्ते ने शेल को कैनाल से निकालने से इनकार कर दिया. इसके बाद भारतीय सेना से अनुरोध किया गया.
इसके लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. खबर लिखे जाने तक मोर्टार शेल कैनाल से नहीं निकाले गये थे. बीएसएफ और भारतीय सेना के खुफिया विभाग ने भी घटनास्थल का जायजा लिया.
मोर्टार शेल मिलने की जगह से भारत-बांग्लादेश सीमा मात्र तीन किलोमीटर दूरी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, करीब दो वर्ष पहले भी इस तरह का एक शेल फांसीदेवा सीमांत इलाके से बरामद हुआ था. सीमांत इलाके से चार जिंदा मोर्टार शेल मिलने से कई सवाल उठ रहे हैं.
  • दार्जिलिंग जिला पुलिस, सीमा सुरक्षा बलों में मचा हड़कंप
  • अति शक्तिशाली विस्फोटक निकालने से सीआइडी का इनकार
  • भारतीय सेना से मांगी गयी है मदद
मोर्टार शेल की तस्करी की आशंका
मोर्टार शेल की तस्करी की आशंका भी जतायी जा रही है. खुफिया विभाग की मानें तो इन शेलों को तस्कर गिरोह के किसी वाहक द्वारा कहीं पहुंचाया जाना था. दार्जिलिंग जिला पुलिस के डीएसपी (ग्रामीण) प्रवीर मंडल ने बताया कि मोर्टार शेल कहां से आया, यह जांच के बाद पता लगेगा. फिलहाल तो इसे निकलवाने के लिए सेना से अनुरोध किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, शेल पर 81 एमएम एचई सी का निशान दर्ज है. इसके एक ओर टीएनटी लिखा है. यह बताता है मोर्टार शेल अति-शक्तिशाली विस्फोटक है. इस प्रकार के मोर्टार शेल बीएसएफ, एसएसबी व भारतीय सेना उपयोग करती है. अपने क्षेत्र से ही सीमा पार दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने में इसका इस्तेमाल होता है. इस मोर्टार शेल की रेंज पांच किलोमीटर तक है. मोर्टार पर दर्ज सूचनाओं से यह पता लगाने का प्रयास किया जायेगा कि यह मोर्टार कहां से यहां पहुंचा.

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