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गैंडा को जंगल लौटाने में वनकर्मियों के छूटे पसीने
मयनागुड़ी : गोरूमारा जंगल से निकल कर रिहायशी इलाके में आये एक गैंडे को वापस जंगल लौटाने में वनकर्मियों के पसीने छूट गये. आखिरकार गोरुमारा से दो प्रशिक्षित हाथियों को काम पर लगाया गया. इस गैंडे की गतिविधियों पर वन विभाग पहले से ही निगरानी रख रहा था. वन विभाग सूत्रों से पता चला है […]
मयनागुड़ी : गोरूमारा जंगल से निकल कर रिहायशी इलाके में आये एक गैंडे को वापस जंगल लौटाने में वनकर्मियों के पसीने छूट गये. आखिरकार गोरुमारा से दो प्रशिक्षित हाथियों को काम पर लगाया गया. इस गैंडे की गतिविधियों पर वन विभाग पहले से ही निगरानी रख रहा था.
वन विभाग सूत्रों से पता चला है कि गोरुमारा में एक नर गैंडा जंगल से बाहर आ जाने के कारण उसकी गतिविधि पर वन विभाग नजर बनाये रखा था. गुरुवार सुबह वह गोरुमारा जंगल से निकलकर लाटागुड़ी चालसा जाने वाले 31 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर बड़ादिघी चाय बागान से वन विभाग के बड़ादिघी बीट के सामने पहुंच गया. उसे वहां देख वनकर्मी भी चौंक पड़े.
उसे जंगल वापस लौटाने की तैयारी शुरू हो गयी. गोरुमारा के दो प्रशिक्षित हाथी भोलानाथ व फुलमती को बुलाकर सुबह 10 बजे से काम पर लगा दिया गया. वन अधिकारियों का कहना है कि लाटागुड़ी जंगल गैंडों के लिए सुरक्षित नहीं है.
यहां उनपर पशु तस्करों की नजर बनी रहती है. इसलिए गैंडे को लाटागुड़ी से गोरुमारा जंगल लौटाने में पूरा जोर लगा दिया गया. गोरुमारा साउथ रेंज के रेंजर अयन चक्रवर्ती ने बताया कि पांच घंटे बाद लगभग 3 बजे गैंडे को वापस जंगल लौटाया जा सका.
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