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हाउसिंग फॉर ऑल मुद्दे पर ‘हाइ वोल्टेज ड्रामा’

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम में बुधवार को हुए अक्टूबर महीने की बोर्ड मीटिंग में केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना हाउसिंग फॉर ऑल योजना में तथाकथित हेराफेरी व घपले के मुद्दे पर विरोधी तृणमूल कांग्रेस (तृकां), कांग्रेस व भाजपा पार्षदों का ‘हाइ वोल्टेज ड्रामा’ देखने लायक था. इस परियोजना के तहत देश गरीबों को […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम में बुधवार को हुए अक्टूबर महीने की बोर्ड मीटिंग में केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना हाउसिंग फॉर ऑल योजना में तथाकथित हेराफेरी व घपले के मुद्दे पर विरोधी तृणमूल कांग्रेस (तृकां), कांग्रेस व भाजपा पार्षदों का ‘हाइ वोल्टेज ड्रामा’ देखने लायक था. इस परियोजना के तहत देश गरीबों को मकान मिलता है जिनके पास पक्का मकान नहीं है. देश के तमाम राज्यों में इस परियोजना पर काम हो रहा है, लेकिन सिलीगुड़ी में इस परियोजना को लेकर शुरु से ही गंदी राजनीति हो रही है.
सिलीगुड़ी में इस परियोजना पर तकरीबन चार-पांच महीने से हंगामा मचा हुआ है. विरोधी जहां निगम के वाम बोर्ड के मेयर अशोक भट्टाचार्य व संबंधित विभाग के मेयर परिषद सदस्य (एमएमआइसी) शरदेंदु चक्रवर्ती उर्फ जय दा व संबंधित विभागों के अधिकारियों पर हेराफेरी, घपला करने और गरीबों का हक छीनने का आरोप लगा रहे हैं.
वहीं, वाम बोर्ड हेराफेरी के इन आरोपों को शुरु से ही सिरे से खारिज करते हुए केवल नामों की सूची में तकनीकी गड़बड़ी की बात स्वीकार कर रही है. गरीबों के आड़ में हो रही इस ओछी राजनीति के वजह से गरीबों को ही उनका हक समय पर नहीं मिल पा रहा है. बल्कि गरीबों के आशियाने के नाम पर राजनैतिक रोटी सेंकी जा रही है.
बोर्ड मीटिंग के दौरान आज भी तृकां के पार्षदों ने वाम बोर्ड को जहां तेवर दिखाया. वहीं,काफी देर तक वाम बोर्ड, मेयर व एमएमआइसी के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा मचाया और तकरीबन पौन घंटे के लिए मीटिंग को बाधित किया. साथ ही कथित गड़बड़ी की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए दोनों से इस्तीफे की भी मांग की.
फिर से विरोध शुरू: बाद में 2.50 बजे माहौल शांत होने पर वापस मेयर ने जवाब देना शुरु किया. इस दौरान कृष्ण चंद्र पाल ने 40 और 23 नंबर वार्ड में मल्टीपरपस बिल्डिंग निर्माण के लिए चिह्नित सरकारी जमीन में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया. वहीं, रंजनशील शर्मा भी अपने खास अंदाज में मेयर को जबरदस्त तरीके से घेरते हुए अपने पुराने तेवर में दिखायी दिये.
मेयर ने विरोध के बीच दिया जवाब
तकरीबन 15 मिनट के बाद माहौल थोड़ा शांत होने पर मेयर अशोक भट्टाचार्य अध्यक्ष की सहमति लेकर विरोधियों को जवाब देने के मकसद से खड़े हुए. लेकिन विरोधियों ने पहले मेयर का भी विरोध जताया और एमएमआइसी को जवाब देने के लिए अध्यक्ष से अनुरोध किया. लेकिन बाद में मेयर ने ही अपने विशेष अंदाज में जवाब देना शुरु किया. श्री भट्टाचार्य ने जवाब की शुरुआत कविगुरु रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित कविता से किया और अंत भी उन्हीं की कविता से किया.
इस कविता के जरिये उन्होंने विरोधियों को करारा जवाब दिया. इस बीच जैसे ही मेयर ने हाउसिंग फॉर ऑल योजना में तकनीकी गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट पेश करने की कोशिश की विरोधियों ने हंगामा शुर कर दिया. सभी विरोधी पार्षद एक साथ खड़े होकर इस जांच रिपोर्ट पर ही सवाल खड़ा करते हुए नारेबाजी करने शुरु करने लगे. तकरीबन 2.35 बजे पार्षद सीमा साहा के अगुवायी में सभी कांग्रेस पार्षद मीटिंग का बहिष्कार करते हुए सभाकक्ष से ही बाहर निकल गये.
कब और क्या-क्या हुआ
बोर्ड मीटिंग के लिए पहले से ही निर्धारित समय दोपहर एक बजे चेयरपर्सन दिलीप सिंह की अगुवायी में बैइक शुरु हुयी. श्री सिंह ने एक-एक कर सभी पार्षदों को अपना-अपना प्रस्ताव रखने के लिए कहा. तृकां के विरोधी दल नेता रंजन सरकार उर्फ राणा दा, 12 नंबर वार्ड के पार्षद नांटू पाल, 23 नंबर वार्ड के पार्षद कृष्ण चंद्र पाल, 37 नंबर वार्ड के पार्षद सह पांच नंबर बोरो चेयरमैन रंजनशील शर्मा, एक नंबर वार्ड की भाजपा पार्षद मालती राय, खुशबू मित्तल, 25 नंबर वार्ड की कांग्रेस पार्षद सीमा साहा समेत विरोधी पार्षदों के अलावा वाम पार्षद भी अपना-अपना प्रस्ताव रख रहे थे. इस दौरान अधिकांश विरोधी पार्षदों ने हाउसिंग फॉर ऑल मुद्दे का ही रखा.
नहीं बोल पाये मुकुल
तकरीबन 2. 10 बजे सफाई विभाग के एमएमआइसी मुकुल सेनगुप्त अपना प्रस्ताव रखने के लिए खड़े हुए. विरोधियों को जवाब देने के मकसद से उन्होंने हाउसिंग फॉर ऑल मुद्दे पर जैसे ही बोलना शुरू किया, वैसे ही विरोधी तृकां पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए चिल्लम-चिल्ली शुरु कर दी. इनलोगों ने श्री सेनगुप्त को अपनी कुर्सी पर वापस बैठने को मजबूर कर दिया. इस दौरान पार्षद कृष्ण चंद्र पाल ने श्री सेनगुप्त पर सराकारी फंड से विदेश घूमने और स्वीस नस्ल के सुअर का सर्वे करने की टिप्पणी की.
नवंबर में आयेगी अंतिम जांच रिपोर्ट
मेयर अशोक भट्टाचार्य ने भी विरोधियों को उन्हीं के अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि हाउसिंग फॉर ऑल में हुए तकनीकी गड़बड़ी के लिए जांच कमेटी की फाइनल रिपोर्ट नवंबर तक आ जायेगी. गड़बड़ी के लिए जो भी दायी होगा उसपर कार्रवायी की जायेगी. संबंधित विभाग के एक संदिग्ध अधिकारी को पहले ही तत्काल प्रभाव से बैठा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि पहले चरण में जारी गरीबों के नामों की सूची के तहत अब-तक 1089 हकदारों का 60 हजार रुपये प्रत्येक के एकाउंट में जमा हो चुका है. बाकी 147 हकदारों के एकाउंट में आगामी 10-15 दिनों के अंदर रुपये जमा हो जायेंगे. श्री भट्टाचार्य ने सख्त शब्दों में कहा कि अगर विरोधी इसी तरह विरोध करते रहे तो देखा जायेगा कि केंद्र व राज्य सरकार से मिला फंड वापस चला जायेगा.
वहीं, सरकारी जमीन में गड़बड़ी के आरोपों को भी निराधार ठहराया. श्री भट्टाचार्य ने विरोधियों के आह्वान पर सभी आरोपों पर अगले महीने ही जल्द सभी 47 पार्षदों के साथ मीटिंग करने और बहस करने पर सहमति जतायी. इसे लिए चेयरमैन दिलीप सिंह ने भी स्वीकार किया.
स्निग्धा हाजरा ने संभाला मोर्चा
इस बीच एक नंबर बोरो कमेटी की वाम चेयरमैन स्निग्धा हाजरा ने विरोधियों पर पलटवार करते हुए गरीबों का हक छीनने का आरोप लगाया. उन्होंने साफ कहा कि गरीबों के आशियाना केंद्र से आया फंड वापस चला जाये, इसे लेकर ही विरोधी राजनीति कर रहे हैं. वे नहीं चाहते हैं कि गरीबों को उनका पक्का आशियाना मिले. इसके पांच मिनट बाद ही एमएमआइसी जय चक्रवर्ती जैसे ही जवाब देने के लिए खड़े हुए और अपना मुंह खोला, एकबार फिर विरोधी चित्कार कर उठे. जय दा को भी विरोधियों ने चुप रहने की नसीहत दी.

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