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CM ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बोला हमला, कहा : अच्छे दिन के नाम पर लोगों को मिली महंगाई
जलपाईगुड़ी : सरकारी योजनाओं को निचले स्तर तक पहुंचाना होगा, जिससे कि आम आदमी को इसका लाभ मिल सके. यह काम पार्टी के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों को करना होगा. विभिन्न कामों के लिये जो समय तय होता है उसे उससे पहले ही पूरा करना होगा. बुधवार को जलपाईगुड़ी के मेटली के टीयावन में एक […]
जलपाईगुड़ी : सरकारी योजनाओं को निचले स्तर तक पहुंचाना होगा, जिससे कि आम आदमी को इसका लाभ मिल सके. यह काम पार्टी के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों को करना होगा. विभिन्न कामों के लिये जो समय तय होता है उसे उससे पहले ही पूरा करना होगा. बुधवार को जलपाईगुड़ी के मेटली के टीयावन में एक सरकारी समारोह के मंच से मुख्यमंत्री ने पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं और प्रशासन को यह संदेश दिया. इस समारोह के जरिये विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को तरह-तरह के लाभ वितरित किये गये.
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विषयों को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर जो मामूली रकम दी जा रही है उससे कुछ होने-जाने वाला नहीं है. वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने अकेले कन्याश्री में लड़कियों को चार साल में छह हजार करोड़ रुपये प्रदान किये हैं.
इसके अलावा भी कई अन्य योजनाओं के तहत बेटियों को तरह-तरह के लाभ मिल रहे हैं. चाय बागानों के मामले में भी दिल्ली सरकार पर उन्होंने झूठ की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान अलीपुरद्वार के डंकन समूह के चाय बागानों को खुलवाने का झूठा आश्वासन दिया.
चुनाव बीत गये लेकिन कोई बागान नहीं खुला. अब ये लोग कभी भूलकर भी भाजपा को वोट नहीं देंगे. दूसरी तरफ हमारी सरकार को देखिये जो चाय बागानों में खाद्यान्न, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सबकुछ उपलब्ध करा रही है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुये कहा कि अच्छे दिन के नारे के नाम पर लोगों को महंगाई और बांटने की राजनीति का उपहार दिया गया है. उन्होंने कहा कि जो मनुष्य-मनुष्य के बीच भेदभाव नहीं चाहता, उसी व्यक्ति को इंदिरा गांधी और वल्लभ भाई पटेल को स्मरण करने का अधिकार है.
केंद्र सरकार ने चार साल की उपलब्धियों के नाम पर केवल डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाये हैं. उन्होंने एनआरसी मसले की ओर संकेत करते हुये कहा कि असम से बेदखल हो रहे लोगों के प्रति यह राज्य सहानुभूति रखता है. उन्होंने कहा कि असम से बहुत से लोग यहां व्यवसाय करने के लिये आते हैं. लेकिन व्यवसाय के नाम पर कुछ अन्य राज्य की सीमा में ना घुसे इस पर पुलिस अधिकारियों को नजर रखने को कहा गया है.
दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के मसले को लेकर भी उन्होंने भाजपा को घेरा.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दार्जिलिंग में शांति लौटा लायी है. भाजपा पहाड़ को अशांत करने के लिये केंद्र सरकार के जरिये तरह-तरह की साजिशें कर रही है. लेकिन हमलोग पहाड़ को शांत कर किस तरह विकास कर रहे हैं,यह केंद्र कभी सोंच भी नहीं पायेगा. उन्होंने अपने सरकार के समय में चाय श्रमिकों की मजदूरी में हुयी वृद्धि का भी जिक्र किया.
मुख्यमंत्री टिलाबाड़ी रिसॉर्ट से सड़क मार्ग से टीयावन में कार्यक्रम स्थल तक पहुंची. लौटते समय कभी गाड़ी में सवार होकर तो कभी पैदल चलते हुये वह टिलाबाड़ी रिसॉर्ट पहुंची.सीएम ने सरकारी योजनाओं को निचले स्तर तक पहुंचाने का दिया निर्देश, तय समय पर कार्यों को पूरा करना होगा,दार्जिलिंग पर्वतीय मसले को लेकर भी भाजपा को घेरा.
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