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किशोरी को लेकर भागा इस्कॉन का संन्यासी !

सिलीगुड़ी : रथ मेला के दौरान सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर के एक संन्यासी पर उसी इलाके की एक नाबालिक लड़की को अपने साथ भगा ले जाने का आरोप सामने आया है. जिसे लेकर पीड़ित परिवार वालों की ओर से मंगलवार को मंदिर परिसर में घंटों तक धरना प्रदर्शन किया गया. धरना प्रदर्शन के दौरान मंदिर परिसर […]

सिलीगुड़ी : रथ मेला के दौरान सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर के एक संन्यासी पर उसी इलाके की एक नाबालिक लड़की को अपने साथ भगा ले जाने का आरोप सामने आया है. जिसे लेकर पीड़ित परिवार वालों की ओर से मंगलवार को मंदिर परिसर में घंटों तक धरना प्रदर्शन किया गया. धरना प्रदर्शन के दौरान मंदिर परिसर में भगवान के दर्शन के लिए आये भक्तों भी अंदर जाने से रोका. बाद में पुलिस तथा मंदिर प्रबंधन द्वारा आश्वासन मिलने पर विरोध उठा लिया गया.
इस संबंध में गायब किशोरी की दीदी सपना सिंह (सुमित्रा) ने बताया कि वह सभी कई वर्षो से इस्कॉन मंदिर संलग्न गितालपाड़ा इलाके में रहते हैं. जिस कारण उनका अक्सर मंदिर में आना जाना लगा रहता था. 14 जुलाई शनिवार को रथ मेला के दिन उसकी 16 वर्षीय बहन अपनी एक सहेली के साथ रथ मेला घुमने निकली थी. उनका आरोप है कि उसी रोज इस्कॉन मंदिर के एक सन्यासी निताई दास ने 40 नंबर वार्ड के मार्केट कॉम्प्लेक्स इलाके से जबरन एक गाड़ी में बिठा कर उसकी बहन को अपने साथ कहीं ले गया.
सपना का कहना है कि जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने अपने बहन को ढूंढने की कोशिश,लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जिसके बाद परिवार वालों की ओर से भक्तिनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. उनका आरोप है कि घटना के 11 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस कोई खास रुची नहीं दिखा रही है. परिवार वालों को शक है कि उनकी बेटी का अपहरण किया गया है.
सपना के अनुसार घटना के दो दिन बाद सोमवार को उसकी बहन ने फोन कर उसे बताया कि उसे कुछ लोग जबरन मायापुर की ओर ले जा रहे हैं. नाबालिक के साथ मारपीट भी की जा रही है. उसके बाद से भी तक उसका कुछ पता नहीं चला. जब इस समस्या को लेकर सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर प्रबंधन के पास गई तो मंदिर प्रबंधन ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया. जिस कारण आज इलाके के लोगों को साथ लेकर मंदिर प्रांगण में धरने पर बैठने के लिए बाध्य हुए हैं.
इधर,इस घटना को लेकर सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर के उपाध्यक्ष सुविजय गौड़ दास ने बताया कि निताई दास इस्कॉन मंदिर का ही सन्यासी था. लेकिन उसका इस्कॉन मंदिर के सिलीगुड़ी शाखा से कोई संबंध नहीं है. उनके यहां किसी भी मंदिर से सन्यासी आ सकते हैं. जिसके मध्यनजर तीन दिनों तक उनका सन्यासियों का मंदिर प्रांगण में रहना खाना मुफ्त होता है. इसी सिलसिले में दो तीन महीने पहले निताई दास अपने इलाज के लिए सिलीगुड़ी के इस्कॉन मंदिर में रहने आया था. वहां 15 दिन रहने के बाद वह कुछ महीनों के लिए बाहर चला गया.
इस बीच निताई और उस लड़की के बीच क्या हुआ मंदिर प्रबंधन को पता नहीं है. उन्होंने बताया कि 14 जुलाई की घटना के बाद इस्कॉन मंदिर के सभी शाखाओं को मामले की जानकारी दे दी गई है. उन्होंने पीड़ित परिवार को हर प्रकार से सहयोग करने का आश्वश्न दिया है. दूसरी ओर भक्तिनगर थाना पुलिस सूत्रों से पता चला है कि पुलिस हर प्रकार से उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रही है.

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