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40 दिन बाद भी लापता नाबालिग का सुराग नहीं
कूचबिहार : दिनहाटा कृषि बाजार स्थित छीटमहलवासियों के अस्थायी शिविर से गत 14 जून से 13 साल की एक नाबालिग लड़की लापता है. दिनहाटा थाने में शिकायत दर्ज होने के 40 दिनों के बाद भी उसका कोई अता-पता नहीं मिल रहा. घटना को लेकर मंगलवार को कूचबिहार जिला शासक कार्यालय के सामने छीटमहलवासियों ने आमरण […]
कूचबिहार : दिनहाटा कृषि बाजार स्थित छीटमहलवासियों के अस्थायी शिविर से गत 14 जून से 13 साल की एक नाबालिग लड़की लापता है. दिनहाटा थाने में शिकायत दर्ज होने के 40 दिनों के बाद भी उसका कोई अता-पता नहीं मिल रहा. घटना को लेकर मंगलवार को कूचबिहार जिला शासक कार्यालय के सामने छीटमहलवासियों ने आमरण अनशन शुरू किया. उनका आरोप है कि भारत का नागरिक बनने के बावजूद उनलोगों की परवाह किसी को नहीं है.
2015 साल में भारत और बांग्लादेश के बीच छीटमहलों की अदला-बदली हुई. इसके बाद से पिछले तीन सालों से ये लोग अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं. उनका कहना है कि भारत का नागरिक बनने के बावजूद उनके पास न्यूनतम अधिकार भी नहीं हैं. उनका घर-बार छूट चुका है. अस्थायी शिविरों में दिन गुजारनेवाले छीटमहल वासियों का आरोप है कि उनके पास कुछ भी नहीं है. उनकी कोई सुननेवाला नहीं है. पिछले 14 जून से छीटमहलवासी मृणाल बर्मन की 13 साल की नाबालिग लड़की मिथिला लापता है. आरोप है कि एक बांग्लादेशी घुसपैठिये युवक ने उसका अपहरण किया है.
आन्दोलनकारी मोहम्मद अब्दुल गनी ने बताया कि प्रशासन के पास इलाके में घुसपैठ को रोकने के लिए लिखित आवेदन किया गया है. लेकिन इस पर कड़े कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. उसने बताया कि पिछले कुछ दिनो से वहां पुलिसी सुरक्षा भी मुहैया नहीं करायी जा रही है. इन अस्थायी शिविरों में रह रहे प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार देने की मांग रखी गयी है. सरकारी नौकरी में छीटमहलवासियों के लिए विशेष कोटा सहित अन्य कई मागों के समर्थन में मंगलवार को उनलोगों ने अनशन शुरू किया. हालांकि प्रशासन की ओर से उन्हें आश्वासन दिये जाने के बाद अनशन रद्द कर दिया गया.
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