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सूर्य के चारों ओर बना इंद्रधनुषी घेरा, लोगों में इसे देखने को लेकर जगी उत्सुकता
कूचबिहार : ऐसी प्राचीन मान्यता है कि पूर्व दिशा में जब इंद्रधनुष दिखायी देता है तो इससे भारी वर्षा का संकेत माना जाता है जबकि पश्चिम में दिखने से यह सूखे का संकेत माना जाता है. लेकिन गुरुवार की सुबह 11 बजे सूर्य के चारों ओर इंद्रधनुषी छटा देखने को मिली जिससे लोग तरह तरह […]
कूचबिहार : ऐसी प्राचीन मान्यता है कि पूर्व दिशा में जब इंद्रधनुष दिखायी देता है तो इससे भारी वर्षा का संकेत माना जाता है जबकि पश्चिम में दिखने से यह सूखे का संकेत माना जाता है. लेकिन गुरुवार की सुबह 11 बजे सूर्य के चारों ओर इंद्रधनुषी छटा देखने को मिली जिससे लोग तरह तरह की आशंकाएं जता रहे हैं.
जबकि सच्चाई का खुलासा जिला विज्ञान मंच ने किया है. मंच के एक पदाधिकारी के अनुसार जलीय वाष्प का घनत्व एक निर्धारित परिमाण में होने से इस तरह वर्ण -दृश्य (कलर स्पेक्ट्रम) बनता है. वाष्प पर सूर्य की किरण प्रतिफलित होने से ही सूर्य ऐसा दिखते हैं.
सूर्य के इस विचित्र दृश्य के दिखायी देने पर तूफानगंज शहर में लोगों की उत्सुकता काफी बढ़ी हुई थी. लोगों की भीड़ इस दृश्य को कैमरे में कैद करने में जुट गयी थी. लोग इसे लेकर तरह तरह की कहानियां भी सुना रहे थे जो है तो दिलचस्प लेकिन सच्चाई से कोसों दूर. कई बुजुर्ग लोगों ने बताया कि यह सूर्य देवता की सभा है. इस तरह के दृश्य या तो भारी वर्षा या सूखे का संकेत है.
वहीं, कई अन्य लोगों ने बताया कि देवतागण सूर्य को केंद्र कर सभा कर रहे हैं. उधर, पश्चिमबंग विज्ञान मंच के कूचबिहार जिला सचिव असीम साहा ने बताया कि जलीय वाष्प का घनत्व एक निर्धारित सीमा पर पहुंचने से इस तरह के रंग-दृश्य उपस्थित होते हैं. वाष्प पर सूर्य की किरण पड़ने से और प्रकाश के प्रतिफलन के चलते यह दृश्य दिखायी पड़ता है. वाष्प की मात्रा कम या अधिक होने से यह दृश्य नहीं दिखायी पड़ता है.
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