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असमय वर्षा से फसलों को भारी नुकसान

ग्रामीण इलाकों में धान, मक्का व पाट को पहुंची है क्षति जिला प्रशासन ने महकमा व प्रखंड प्रशासन से मांगी रिपोर्ट मालदा. जिले में असमय वर्षा के चलते फसलों को व्यापक नुकसान होने की आशंका है. यही वजह है कि इस बार इन किसानों में पंचायत चुनाव को लेकर वैसा कोई उत्साह नहीं है. प्रशासनिक […]

ग्रामीण इलाकों में धान, मक्का व पाट को पहुंची है क्षति
जिला प्रशासन ने महकमा व प्रखंड प्रशासन से मांगी रिपोर्ट
मालदा. जिले में असमय वर्षा के चलते फसलों को व्यापक नुकसान होने की आशंका है. यही वजह है कि इस बार इन किसानों में पंचायत चुनाव को लेकर वैसा कोई उत्साह नहीं है. प्रशासनिक सूत्र के अनुसार खासतौर पर मालदा जिले के चांचल महकमा क्षेत्र में धान, मक्का और पाट की फसलों को काफी नुकसान हुआ है.
जिलाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य ने शुक्रवार को बताया कि कृषि विभाग के अलावा महकमा प्रशासन और संबंधित ब्लॉक के बीडीओ को नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट देने के लिये कहा गया है. रिपोर्ट मिलने पर उन्हें शीर्ष अधिकारियों को भेजा जायेगा.
जानकारी के अनुसार, जिले में पिछले एक सप्ताह के दौरान बार बार आंधी-पानी चल रहा है. शुक्रवार को तड़के से ही भारी बारिश हो रही है. इससे कई प्रखंडों में मक्का, धान और पाट और सब्जियों की फसलें डूब गयी हैं.
सबसे अधिक मौसम की मार चांचल एक व दो नंबर ब्लॉक के किसानों को झेलनी पड़ रही है. प्रशासनिक सूत्र के अनुसार चांचल दो नंबर ब्लॉक की करीब 700 बीघा जमीन में तीन फसली जमीन बरसात के पानी में डूब गयी है.
चांचल दो नंबर ब्लॉक के चंद्रपाड़ा गांव के किसान नईमुल शेख, हजरत अली, कासिम शेख का आरोप है कि फिलहाल खेतों में पाट, मक्का की फसल लगायी गयी हैं. बोरो धान की फसल कुछ दिनों बाद ही काटी जायेगी.
लेकिन बरसात ने इन पर पानी फेर दिया है. कई बीघा जमीन में लगी फसलें डूब गयी हैं. खेती में जो पूंजी लगी थी उसका अधिकतर भाग भी वापस नहीं होगा. पंचायत चुनाव के बारे में किसानों का कहना है कि फिलहाल उनकी चिंता फसलों को लेकर है जिनसे उनकी जीविका चलती है.
फसलों को बचाने के लिये वे रात-दिन पम्प चलाकर पानी निकाल रहे हैं, क्योंकि कुछ सप्ताह बाद धान की कटनी शुरू होनी है. उल्लेखनीय है कि मालदा जिले में 60-70 हजार हेक्टेयर जमीन में धान की खेती होती है. इसके अलावा छह हजार हेक्टेयर जमीन में मक्का और 30 हजार हेक्टेयर जमीन में पाट की खेती होती है. लगातार बारिश से इन फसलों को नुकसान पहुंचने की पूरी आशंका है.

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