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मृत बेटे को इंसाफ दिलाने को मां आंदोलनरत
सिलीगुड़ी. बेटे की हत्या के करीब तीन वर्ष बाद मां ने इंसाफ की मांग पर आंदोलन शुरू किया है. आरोपियों की गिरफ्तारी व कड़ी सजा की मांग पर प्रधान नगर थाने में ज्ञापन भी सौंपा गया है. मां कल्पना चौधरी का आरोप है कि मामला वापस लेने के लिए तृणमूल नेता दिलीप वर्मन व उनके […]
सिलीगुड़ी. बेटे की हत्या के करीब तीन वर्ष बाद मां ने इंसाफ की मांग पर आंदोलन शुरू किया है. आरोपियों की गिरफ्तारी व कड़ी सजा की मांग पर प्रधान नगर थाने में ज्ञापन भी सौंपा गया है. मां कल्पना चौधरी का आरोप है कि मामला वापस लेने के लिए तृणमूल नेता दिलीप वर्मन व उनके सहयोगी अब जान से मारने व इलाके से भगाने की धमकी देने लगे हैं. बेटे व पति की मौत के बाद अकेली होने की वजह से दबंगो का डर उन्हें सताने लगा है.
मिली जानकारी के अनुसार करीब तीन वर्ष पहले चंपासारी ढकनीकाटा निवासी दिलीप चौधरी की हत्या उसी इलाके में कर दी गयी थी. कल्पना चौधरी ने उस समय आरोपियों के खिलाफ प्रधान नगर थाने में मामला दर्ज कराया था. आरोपियों की गिरफ्तारी हुयी थी लेकिन बाद में सभी को जमानत मिल गयी और आज तक उन्हें इंसाफ नहीं मिला.
एकलौते बेटे की हत्या के बाद उनके पति की भी मौत हो गयी. अब वह अकेली हो गयी है. किसी तरह से गुजर बसर हो रहा है. इसी बीच मामला वापस न लेने पर इलाके से भगा देने व बेटे की तरह ही जान से मारने की धमकी दी जा रही है. दिलीप बर्मन व उनके सहयोगियों के आंतक के खिलाफ ही उन्होंने आंदोलन शुरू किया है. इस संबंध में प्रधान नगर थाने की पुलिस ने बताया कि तीन वर्ष पुराने हत्या के एक मामले में आरोपियों द्वारा धमकी देने का आरोप लगाया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर 46 नंबर वार्ड तृणमूल के दो गुटों के बीच विवाद अब चरम पर है. करीब तीन वर्ष पुराने हत्या के इस मामले को लेकर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले तृणमूल नेता दिलीप वर्मन को घेरने की तैयारी शुरू की गयी है. यहां बता दें कि 46 नंबर वार्ड के चंपासारी स्थित एनएचएआई व पीडब्ल्यूडी की करीब साढ़े तीन बीघा जमीन पर जबरन दखल कर स्थानीय एक प्रभावशाली तृणमूल नेता ने मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य शुरू कराया.
आपसी तालमेल बिगड़ने की वजह से तृणमूल दो गुटों में बंट गयी है. एक पक्ष सरकारी जमीन दखल व मार्केट कॉम्प्लेक्स के साथ है तो वहीं दिलीप बर्मन व उनके सहयोगी इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. जिसके बाद महकमा प्रशासन ने उक्त जमीन पर दो महीने के लिए धारा 144 लगा दिया है. इस मामले की जांच शुरू की गयी है. माना जा रहा है कि इसी वजह से दिलीप बर्मन को घेरने के लिए तीन वर्ष पहले के हत्या के इस मामले को हवा दी गयी है.
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