बागडोगरा इलाके में सांस संबंधी परेशानियां बढ़ीं
चिकित्सकों ने दी सावधानी बरतने की सलाह
बागडोगरा. 31 नंबर राष्ट्रीय सड़क के चौड़ीकरण के कारण धूल उड़ने का खमियाजा पर्यावरण एवं आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार बागडोगरा इलाके में वर्तमान परिस्थिति यह है कि सड़क की धूल के कारण लोगों के फेफड़े व अन्य अंगों को नुकसान हो रहा है. कई लोगों को क्रॉनिक रोग भी हो रहे हैं.
अपर बागडोगरा, अस्पताल मोड़ से एयरपोर्ट मोड़ तक फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके कारण पुल के नीचे दोनों किनारे की संकीर्ण सड़कों से गुजरती गाड़ियां धूल उड़ाती हुई चलती हैं. यह धूल आसपास के दुकानदारों व राहगीरों के लिए मुसीबत बन चुका है. उन्हें नाक व मुंह पर मास्क बांधे रखने पड़ता है. लेकिन संबंधित विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं. बीच-बीच में पानी का हल्का छिड़काव किया जाता है. लेकिन समाधान कुछ नहीं निकलता है. सड़क किनारे के कारोबारियों से लेकर इलाके के निवासियों व राहगीरों में इससे भारी रोष है. लेकिन इसे लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर राजनैतिक पार्टियां बिल्कुल खामोश हैं.
बागडोगरा स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने बताया कि हर रोज की इस धूल के कारण सांस की तकलीफ सहित विभिन्न समस्या लेकर लोग अस्पताल में आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर स्कूली विद्यार्थी हैं. यह समस्या बच्चों में ज्यादा देखी जा रही है. खासकर जिनमें एलर्जी से दमा की शिकायत है, उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के एक विशेषज्ञ ने बताया कि इस धूल से लोगों की आंखों में एलर्जी हो रही है.
धूल उड़कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है. धूल के साथ बैक्टीरिया, वायरस आदि लोगों में तरह-तरह की बीमारी फैला रहे हैं. सड़क किनारे की खाने-पीने की दुकानों का बुरा हाल है. ऐसे में डॉक्टरों ने बच्चों के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है, क्योंकि छोटी उम्र से अगर क्रॉनिक बीमारी लग जाये तो समस्या जटिल हो सकती है. लोगों को भी मास्क पहनने की सलाह दी गयी है.