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नौकरी देने के नाम पर ठगी
निरंजन नगर का एक युवक झांसे में आने से बचा पाथरघाटा पंचायत इलाके में आरोपी कंपनी का ऑफिस स्थानीय लोगों ने कंपनी को संदेहजनक बताया सिलीगुड़ी. नौकरी दिलाने के नाम दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी द्वारा सिलीगुड़ी से संलग्न इलाके में ठगी किये जाने का आरोप सामने आया है. ठगी का आरोप धूपगुड़ी के शालबाड़ी […]
निरंजन नगर का एक युवक झांसे में आने से बचा
पाथरघाटा पंचायत इलाके में आरोपी कंपनी का ऑफिस
स्थानीय लोगों ने कंपनी को संदेहजनक बताया
सिलीगुड़ी. नौकरी दिलाने के नाम दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी द्वारा सिलीगुड़ी से संलग्न इलाके में ठगी किये जाने का आरोप सामने आया है. ठगी का आरोप धूपगुड़ी के शालबाड़ी निवासी सुबीर कर ने लगाया है. सुबीर सिलीगुड़ी में अपने बड़े भाई के साथ वार्ड नंबर 36 के निरंजन नगर में रहता है. फिलहाल वह आशीघर के ईस्टन बाइपास के फकदईबाड़ी मोड़ के एक प्रदूषण जांच केंद्र में काम करता है.
प्रदूषण केंद्र में एक दोस्त के जरिये उसका सौरभ दास से परिचय हुआ. सौरभ के कहे अनुसार वह अपने सारे कागजात लेकर माटीगाड़ा के खपरैल मोड़ संलग्न पाथरघाटा ग्राम पंचायत की पाथर कॉलोनी में उक्त कंपनी के कार्यालय में इंटरव्यू के लिए पहुंचा. सौरभ दास ने उसे बताया कि कंपनी कॉस्मेटिक्स को पैकिंग कर निर्यात करती है. शुरू में कंपनी की ओर से 10 हजार रुपये महीना वेतन दिया जायेगा. आठ महीने के बाद वेतन 20 से 25 हजार रुपये हो जायेगा.
ऐसा ही झांसा और भी कई नौजवानों को दिया गया है. बताया गया कि नौकरी के लिए शुरू में 20 हजार रुपये देने होंगे. इसी तरह से छोटे पदों के लिए 10 हजार में नौकरी दिलाने की बात कही गयी. लेकिन उसे संदेह हुआ और वह किसी तरह बहाना बनाकर निकल आया.
कार्यालय जाकर छानबीन करने पर कई युवकों से मुलाकात हुई, जिससे लगता है कि कंपनी नेटवर्किंग का धंधा भी चला रही है. झांसे मेंफंस कर दूर-दूर से युवक आये हैं. एक स्थानीय निवासी अनिता सिंह ने बताया कि इतनी बड़ी कंपनी में काम करनेवाले कई युवक राशन का चावल खरीद कर जीवन यापन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई युवकों ने दुर्गापूजा से पहले घर जाने के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए इलाके में राजमिस्त्री का काम किया था. उन्होंने कहा कि सबकुछ केवल बाहरी दिखावा है.
कंपनी भीतर से खोखला है. संस्था के प्रभारी भरत कुमार अनुपस्थित थे, इसलिए उनसे बात नहीं हो पायी. उनसे बात करने के लिए फोन नंबर मांगने पर भी किसी ने नहीं दिया. पाथरघाटा ग्राम पंचायत के प्रधान प्रफल्ल बर्मन ने बताया कि संस्था ने प्रोडक्ट सेल करने का ट्रेड लाइसेंस लिया है. पैसे का लेन-देन किये जाने की कोई खबर उनके पास नहीं है.
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