उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासियों को शैक्षिक, सांस्कृतिक व आर्थिक सुविधाओं से वंचित रखने का कार्य किया गया है.दार्जिलिंग आदिवासी महासभा के अध्यक्ष सत्य नारायण बराईक ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आदिवासियों के लिए विकास बोर्ड गठन की बात कही है. इससे आदिवासियों में उम्मीद की एक किरण जगी है.
15 जून को मिरिक में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीटीए क्षेत्र के दार्जिलिंग आदिवासी महासभा से इस बोर्ड का उपाध्यक्ष मनोनीत करने की घोषणा की थी. श्री बराईक ने कहा कि जीटीए क्षेत्र के आदिवासी राज्य सरकार के साथ रहेंगे. हाल के गोरखालैंड आंदोलन में भी आदिवासियों ने राज्य सरकार का साथ देते हुए अपने को आंदोलन से अलग रखा था.
सभा में उन्होंने यथाशीघ्र राज्य सरकार से आदिवासी विकास बोर्ड गठन करने की मांग की. उन्होंने कहा कि जीटीए क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासियों की समस्याओं को दूर करने के लिए विकास बोर्ड का गठन करना अनिवार्य है. आदिवासी विकास बोर्ड के जरिये ही सादरी भाषा की मान्यता,हिन्दी माध्यम के स्कूलों व कालेजों की स्थापना आदि संभव है. मौके पर दार्जिलिंग आदिवासी महासभा पानीघाटा शाखा के अध्यक्ष कृपा तिर्की, लोहागढ शाखा के अध्यक्ष इनेम भेंगरा व छोटा फागू शाखा की सचिव सुमित्रा कुजूर ने भी सभा को संबोधित किया.छोटा फागू शाखा की अध्यक्ष अनिता लाकड़ा ने सभा की अध्यक्षता की.