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किसानों ने किया प्रदर्शन

मालदा : बिजली की पर्याप्त आपूर्ति की मांग को लेकर 10 गांवों के सैंकड़ों किसानों ने बिजली वितरक कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक का घेराव किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने क्षेत्रीय प्रबंधक के कार्यालय का एसी, लाइट व पंखे बंद कर दिये. किसानों का कहना है कि गांव में बिजली नहीं रहेगी और बिजली […]

मालदा : बिजली की पर्याप्त आपूर्ति की मांग को लेकर 10 गांवों के सैंकड़ों किसानों ने बिजली वितरक कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक का घेराव किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने क्षेत्रीय प्रबंधक के कार्यालय का एसी, लाइट व पंखे बंद कर दिये. किसानों का कहना है कि गांव में बिजली नहीं रहेगी और बिजली अधिकारी ठंडे कमरे में बैठे रहेंगे, ऐसा नहीं हो सकता.

बिजली के कारण हजारों बीघा जमीन पर लगी फसलें सूख रही हैं. मिट्टी में दरारें पड़ने लगी हैं. सैलो मशीन चलाना असंभव हो गया है. इस हालत में विरोध प्रदर्शन के अलावा किसानों के पास और कोई रास्ता नहीं है.

दूसरी ओर, इलाके के किसानों को लेकर गठित हबीबपुर कृषि विकास समिति के सचिव सुबोध राय ने कहा है कि हबीबपुर ब्लॉक की 11 ग्राम पंचायतों की हालत काफी दयनीय है. एक-एक ग्राम पंचायत के अधीन 20 से 25 गांव हैं. ग्रामीणों की एक ही मांग है और वह है बिजली की पर्याप्त आपूर्ति. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में दो महीनों से बिजली की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है. अगर बिजली रहती भी है, तो महज चार घंटों के लिए. अधिकारियों को फोन करने पर वे कहते हैं कि पंप बंद कर दें.

हम कुछ नहीं कर सकते हैं. बिजली की कमी है. जबकि बिजली विभाग के अधिकारी आराम से एसी कमरे में बैठ कर काम कर रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो जमीन पर लगी फसलें नष्ट हो जायेंगी. आज ग्रामीणों ने धान के पौधों को लेकर बिजली विभाग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. बिजली विभाग के कर्मचारियों का कहना है साहब लोग साइड पर नहीं जाते हैं. ठेकेदारों पर सब कुछ छोड़ दिया गया है. पावर मॉनीटॉरिंग भी बंद कर दी गयी है. सिस्टम को अपग्रेड करने की जरूरत है, लेकिन इस ओर दफ्तर के अधिकारियों का ध्यान नहीं है, जिस कारण समस्या हो रही है. उस पर बिजली की चोरी बढ़ गयी है.

हबीबपुर में दो 6.3 एमवीए का दो ट्रांसफारमर हैं, जिनसे साढ़े नौ मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है, जबकि इस वक्त 12 मेगावाट बिजली की जरूरत है. बिजली की हूकिंग किये जाने के कारण ट्रांसफॉरमर लोड नहीं ले पा रहा है. सिर्फ यही नहीं, बिजली विभाग के कर्मचारियों की संख्या भी कम है. चारों तरफ ध्यान देना संभव नहीं हो पा रहा है. बिजली विभाग की जानकारी के बगैर कई जगहों पर पंप चलाये जा रहे हैं. इससे ट्रांसफारमरों पर दबाव पड़ रहा है. कई ट्रांसफारमर पुराने हो गये हैं. उन्हें बदलने की जरूरत है. बिजली वितरक कंपनी के दक्षिण मालदा के क्षेत्रीय इंजीनियर शैबाल मजूमदार ने कहा है कि संवाददाताओं से हम कुछ नहीं बोल सकते है. इस बारे में राज्य बिजली भवन ही कुछ बता सकता है.

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