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गुरुंग ने की सीबीआइ जांच की मांग
दार्जिलिंग. गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने गत 13 अक्तूबर को पुलिस से हुई कथित मुठभेड़ की घटना की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है. उनके द्वारा जारी ऑडियो क्लिप में कहा गया है कि गोरखालैंड आंदोलन के दौरान दार्जिलिंग, मिरिक, कालिम्पोंग आदि क्षेत्रों में हुए विस्फोट कांडों की एनआइए से जांच की मांग […]
दार्जिलिंग. गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने गत 13 अक्तूबर को पुलिस से हुई कथित मुठभेड़ की घटना की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है. उनके द्वारा जारी ऑडियो क्लिप में कहा गया है कि गोरखालैंड आंदोलन के दौरान दार्जिलिंग, मिरिक, कालिम्पोंग आदि क्षेत्रों में हुए विस्फोट कांडों की एनआइए से जांच की मांग वह पहले ही कर चुके हैं. अब राज्य सरकार 13 अक्तूबर की घटना की सीआइडी जांच की बात कर रही है, जिसका हमलोग विरोध करते हैं. हमारी मांग है कि राज्य सरकार इसकी सीबीआइ जांच कराये.
मोर्चा प्रमुख ने कहा, हमलोगों ने कभी कानून अपने अपने हाथ में नहीं लिया. बंगाल सरकार हमारे साथ षड्यंत्र कर रही है. हमारे 11 लोगों को बंगाल पुलिस गोली से मार चुकी है. यह सब सत्तारूढ़ दल ने अपना संगठन और सरकार को मजबूत करने के लिए किया है. गत 13 अक्तूबर को दार्जिलिंग के तकभर क्षेत्र के बर्नसबेग के जंगल में जो घटना हुई और एक एसआइ की मौत हुई, वह सब गोजमुमो और उसके समर्थकों को फंसाने की साजिश है. बंगाल सरकार कभी जनता को, तो कभी अपनी ही पुलिस को मारती है. पूरे बंगाल में यही चल रहा है.उन्होंने कहा, बंगाल ने गोरखालैंड मांगनेवालों का साम, दाम, दंड, भेद सबकुछ प्रयोग करके नाश कर रही है.परंतु हमलोग झुकनेवालों में नहीं है. जब तक प्राण रहेंगे, तब तक गोरखालैंड के लिए लड़ते रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि गत 13 अक्तूबर को बर्नसबेग के जंगल में विमल गुरुंग और जीएलपी के कैंप की भनक पाकर पुलिस की टीम ने उक्त क्षेत्र में छापामारी अभियान चलाया था. पुलिस के मुताबिक, उसी दौरान दार्जिलिंग सदर थाना में कार्यरत एसआइ अमिताभ मल्लिक शहीद हुए थे और उसी क्षेत्र से पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किये थे.
केंद्रीय कमेटी सदस्य ने दिया इस्तीफा
दार्जिलिंग. गोजमुमो केंद्रीय कमेटी से इस्तीफों का सिलसिला जारी है. कुछ दिन पहले विमल गुरुंग के गढ़ तकभर क्षेत्र के पार्टी अध्यक्ष प्रवीण साम्पांग ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. अब इसी तकभर के बड़ा पताबुंग निवासी, मोर्चा केंद्रीय कमिटी सदस्य डीवी गुरुंग ने भी खुद को केंद्रीय कमेटी से अलग कर लिया है. प्रेस विज्ञप्ति जारी करके डीवी गुरुंग ने पार्टी में अनुशासन और लोकतंत्र न होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 104 दिनों तक बंद का परिणाम शून्य रहा. अगर आंदोलन योजनाबद्ध और लोकतांत्रिक तरीके से होता तो परिणाम सकारात्मक होता.
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