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दीपावली व काली पूजा पर टिकीं पर्यटन कारोबारियों की निगाहें

सिलीगुड़ी. दुर्गा पूजा में 80 प्रतिशत से अधिक का घाटा खाने के बाद पहाड़ के होटल व्यवसायियों की निगाहे अब दीपावली और कालीपूजा पर टिकी है. गोरखालैंड आंदोलन के दौरान कुल 103 दिनों तक पहाड़ बंद रहने के बाद अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. फिर भी देश-विदेश के पर्यटक दार्जिलिंग आने से कतरा […]

सिलीगुड़ी. दुर्गा पूजा में 80 प्रतिशत से अधिक का घाटा खाने के बाद पहाड़ के होटल व्यवसायियों की निगाहे अब दीपावली और कालीपूजा पर टिकी है. गोरखालैंड आंदोलन के दौरान कुल 103 दिनों तक पहाड़ बंद रहने के बाद अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. फिर भी देश-विदेश के पर्यटक दार्जिलिंग आने से कतरा रहे हैं. उसके बाद भी यहां के पर्यटन कारोबारियों को लग रहा है कि कुछ दिनों बाद स्थिति समान्य हो जायेगी. देर से ही सही पर्यटक एक बार आना शुरू करेंगे तो पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग की तस्वीर बदल जायेगी.

पहाड़ पर बेमियादी बंद खत्म होने से होटल व्यवसायी व टूर ऑपरेटरो को नयी उम्मीद भी जगने लगी है. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि बंद खत्म होने के बाद राज्य सहित देश के विभिन्न भागों के लोग दार्जिलिंग, कालिम्पोंग व कर्सियांग स्थिति होटलों की ऑनलाइन जानकारी लेना शुरू कर चुके हैं. कुछ होटलों में तो कालीपूजा के समय पर्यटकों ने बुकिंग करानी भी शुरू कर दी है.


भाषाई विवाद से शुरू आंदोलन गोरखालैंड राज्य की मांग में तब्दील हो गया. इस वजह से पहाड़ पूरे 103 दिन बंद रहा. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अपील पर गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरूंग ने 27 सितंबर को दुर्गापूजा के सप्तमी के दिन बंद वापस लेने की घोषणा की. इस बंद की वजह से पहाड़ का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. दुर्गापूजा के समय राज्य व देश के विभिन्न भागों सहित विदेशों से भी पर्यटक पहाड़ आते हैं. लेकिन इस बार पूजा में पर्यटक पहाड़ से नदारद रहे. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पर्यटन व्यवसायियों व टूर ऑपरेटरो को करीब 80 प्रतिशत का घाटा हुआ है. दार्जिलिंग होटल व्यवसायी एसोसिएशन से मिली जानकारी के अनुसार दार्जिलिंग में करीब 300 होटल हैं. दुर्गापूजा में होटल व्यवसायियों को करीब 60 प्रतिशत का घाटा सहना पड़ा. जबकि दुर्गापूजा इस क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.

पहाड़ खुलने के बाद अब व्यवसायियों की निगाहें कालीपूजा पर टिकी है. राज्य के विभिन्न भागों से पर्यटकों ने पहाड़ स्थिति होटलों में कमरा तलाशना शुरू कर दिया है. दार्जिलिंग के कुछ होटलों में इस राज्य के काफी पर्यटकों ने काली पूजा के लिए कमरे बुकिंग भी करायी है. अधिकांश होटलो में औसतन चार-पांच कमरों की बुकिंग शुरू होने से होटल व्यवसायियों में एक नयी उम्मीद जगी है. कई पर्यटकों ने दार्जिलिंग आने के लिए टूर ऑपरेटरों से भी संपर्क शुरू कर दिया है.

इस्टर्न हिमालया ट्रेवल्स एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के सम्राट सान्याल ने बताया कि बंद खत्म हुआ है. पहाड़ के हालात सुधर रहे हैं. आंदोलन के दौरान पर्यटकों को भी काफी परेशानी हुयी है. उम्मीद है अगले दस दिनों में स्थिति सुधरेगी. बंद खत्म होते ही पर्यटकों ने टूर ऑपरेटरों से संपर्क करना शुरू किया है. होटल में कमरे पर्यटक तलाश रहे हैं. काली पूजा में पहाड़ पर पर्यटकों के उमड़ने की संभावना है. बंद की वजह से पर्यटन व्यवसायियों को काफी नुकसान हुआ है.

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