राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने सिक्किम सरकार पर अंतराज्यीय नियमावली के उल्लघंन का आरोप लगा है. उल्लेखनीय है कि अलग राज्य गोरखालैंड के मसले पर राज्य सरकार ने आंदोलन के शुरूआती दौर में ही सर्वदलीय बैठक बुलायी थी. सिलीगुड़ी गेस्ट हाउस में आयोजित इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, अरूप विश्वास, गौतम देब व राज्य के गृह सचिव उपस्थित थे.
कुछ राजनीतिक दलों के अलावा आंदोलनकारी गोजमुमो, भाजपा, वामो और कांग्रेस ने इस बैठक से दूरी बना ली थी. करीब ढ़ाई महीने के बाद जीएनएलएफ के आग्रह पर राज्य सरकार ने फिर बैठक बुलायी. राज्य सचिवालय नवान्न में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व गोजमुमो नेता विनय तमांग और अनित थापा के बीच बैठक हुयी.
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने पहाड़ पर बंद वापस लेने का आग्रह किया. जिसके आधार पर विनय तमांग में बंद में 12 दिन की रियायत देने का ऐलान किया. जिसके बाद गोजमुमो प्रमुख विमल गुरूंग ने दोनों को पार्टी से निकाल दिया. अब 12 सिंतबर को राज्य के दूसरे मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में आयोजित बैठक में गोजमुमो नेताओं की उपस्थिति पर सबकी नजरे हैं. आंदोलन के दौरान गोजमुमो प्रमुख विमल गुरूंग के साथ गोजमुमो के कई प्रभावशाली नेताओं पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. देशद्रोह के आरोपियों को बैठक में शामिल ना होने देने की प्रबल संभावना जातायी जा रही है. दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य सिक्किम के साथ भी शीतयुद्ध की स्थिति पैदा हो गयी है. बीते दिनों गोजमुमो नेताओं की गिरफ्तारी के लिए बंगाल सीआईडी द्वारा बंगाल सिक्किम सीमांत नामची इलाके में चलाये गये अभियान को लेकर विवाद ने जोर पकड़ लिया है.